नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ के कुछ दिनों बाद, आज नेशनल हेराल्ड अखबार कार्यालयों सहित लगभग दस ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी ने पिछले महीने सोनिया गांधी से तीन दिनों तक इस मामले में 100 से अधिक प्रश्न पूछे थे. उसके पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से पांच दिनों तक ईडी ने पूछताछ की थी, जिसमें राहुल गांधी से करीब 150 सवाल पूछे गए थे. बता दें कि सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में कांग्रेस ने देश भर में धरना दिया था.कांग्रेस का आरोप है कि चुनावों में राजनीतिक लाभ पाने और विपक्षी दलों के नेताओं को परेशान करने के लिए मोदी सरकार ईडी का इस्तेमाल कर रही है.
भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के यंग इंडियन के अधिग्रहण से जुड़े "नेशनल हेराल्ड केस" में गांधी परिवार से ईडी ने पूछाताछ की है. प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि यंग इंडियन ने एजेएल की संपत्ति में ₹800 करोड़ से भी अधिक के हरेफेर किया है. आयकर विभाग के अनुसार, इसे यंग इंडियन के शेयर धारकों सोनिया गांधी और राहुल गांधी की संपत्ति माना जाना चाहिए, जिसके लिए उन्हें कर का भुगतान करना चाहिए.
कांग्रेस ने राज्यसभा में कहा, बदले की भावना से प्रेरित है कार्रवाई
नेशनल हेराल्ड मामले में ED के सर्च ऑपरेशन पर राज्यसभा में कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने एनडीटीवी से कहा कि महंगाई और दूसरी समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए सरकार यह कार्रवाई कर रही है. नेशनल हेराल्ड मामला एक ओपन एंड शट केस है. ना किसी से कोई पैसा लिया गया ना किसी को कोई पैसा दिया गया. नासिर हुसैन का आरोप है कि यह बदले कि यह कार्रवाई बदले की भावना से की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य सभा में महंगाई पर हो रही चर्चा में भाग ले और हमारे सवालों का जवाब दें.
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