नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत करना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता नहीं हुई, तो इसका परिणाम गाजा और फिलिस्तीन जैसा ही होगा. गाजा पट्टी में इस समय इजरायल और हमास के बीच जंग हो रही है, जिसमें 20 हजार से ज्यादा लोगों की अभी तक मौत चुकी है.
सालों से चले आ रहे विवादों को सुलझाने के लिए पाकिस्तान से बात नहीं करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक बातचीत शुरू नहीं होती, "हमारा भी गाजा जैसा ही हश्र हो सकता है." मीडिया से बात करते हुए श्रीनगर के सांसद ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान का उल्लेख किया- "हम अपने दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन अपने पड़ोसी नहीं."
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है और मामलों को बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए. बातचीत कहां है...? नवाज शरीफ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं और वे कह रहे हैं कि हम (भारत से) बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन क्या कारण है कि हम बात करने के लिए तैयार नहीं हैं?"
उन्होंने कहा, "अगर हम बातचीत के जरिए समाधान नहीं ढूंढते हैं, तो हमारा भी गाजा और फिलिस्तीन जैसा ही हश्र होगा, जिन पर इजराइल बमबारी कर रहा है."
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