यह ख़बर 31 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

देश को सरदार पटेल वाला सेक्युलरिज्म चाहिए, वोट बैंक वाला नहीं : नरेंद्र मोदी

'स्टेचू ऑफ यूनिटी' दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी

अहमदाबाद:

सरदार वल्लभ भाई पटेल की 137वीं जयंती के मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा जिले में 'लौह पुरुष' सरदार वल्लभ भाई पटेल के एक स्मारक का शिलान्यास किया। इस मौके पर लालकृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे। सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत को लेकर दो दिन पूर्व गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच एक तरह से सार्वजनिक बहस होने के बाद मोदी ने आज पटेल की प्रतिमा की आधारशिला रखी।

इस दौरान मोदी ने एक रैली को भी संबोधित किया। मोदी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इस बात के लिए 'सराहना' की कि प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल को धर्मनिरपेक्ष बताया था। मोदी ने कहा कि पटेल को किसी दल से जोड़ना गलत है।

मोदी ने कहा कि दल से बड़ा देश होता है। दो दिन पहले मोदी के साथ एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने पटेल को कांग्रेस का बताया था। मोदी ने यह भी कहा कि देश को सरकार पटेल का सेक्युलरिज्म चाहिए, न कि वोट बैंक का सेक्युलरिज्म। मोदी ने यह भी कहा कि शांति और सद्भाव के बिना तरक्की नहीं हो सकती।

सरदार पटेल की यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होगी और इसका नाम स्टेचू ऑफ यूनिटी रखा गया है। इस मूर्ति की ऊंचाई 182 मीटर होगी और यह पांच साल में करीब 2500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी। वहीं सरदार पटेल को लेकर नरेंद्र मोदी के प्रेम से कांग्रेस असहज महसूस कर रही है और दोनों पार्टियों के बीच इसको लेकर जुबानी जंग भी हो रही है।

मोदी ने बुधवार को अपने ब्लॉग पर लिखा था, सरदार पटेल की जयंती और भी विशेष होगी, क्योंकि हम स्टेचू ऑफ यूनिटी की आधारशिला रखने जा रहे हैं। उन्होंने लिखा, 182 मीटर ऊंची 'स्टेचू ऑफ यूनिटी' दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में शामिल होगी, जिसके माध्यम से भारत के लौह पुरुष को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। यह साधु बेट में स्थित होगी, जो सरदार सरोवर बांध के नजदीक है।

मोदी ने ब्लॉग में कहा, प्रतिमा का निर्माण आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए पीपीपी मॉडल से किया जा रहा है। कुछ महीने पहले मैंने भारत भर के मेरे किसान भाइयों और बहनों से अनुरोध किया था कि प्रतिमा के निर्माण के लिए अपनी खेती में इस्तेमाल होने वाले लोहे के उपकरणों को दान में दें।

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल न केवल लौह पुरुष थे, बल्कि एक किसान पुत्र भी थे। मैं एक बार फिर सभी से हमारे इस प्रयास में सहयोग की अपील करता हूं। मंगलवार को सरदार पटेल संग्रहालय के उद्घाटन के दौरान एक तरह से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के बीच पटेल की विरासत पर दावे को लेकर बहस सी छिड़ गई थी। नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगर सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते, तो देश की दशा और दिशा ही अगल होती, वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पटेल के धर्मनिरपेक्ष रुख की याद दिलाई।

मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा, सरदार पटेल आधुनिक भारत के रचनाकार रहे। उन्होंने अनेक अवरोधों को पार करके पूरे देश को एक किया और आज हम हमारी एकता का उत्सव मना सकते हैं, जो सरदार पटेल के प्रयासों के कारण मिली है। उन्होंने लिखा, यह भी उतना ही सच है कि हमारे देश में कुछ ताकतें हैं, जिन्हें यह एकता रास नहीं आ रही। उन्होंने लोगों को डराने और गुमराह करने के लिए बंदूकों और बम का इस्तेमाल किया। हम भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी और सरदार पटेल के देश से इन तत्वों को यह पुरजोर संदेश भेजें कि उनका हिंसा का रास्ता कारगर नहीं होगा। उन्हें अपना रास्ता बदलकर मुख्यधारा में आना चाहिए और देश के विकास के लिए काम करना चाहिए, ताकि सरदार पटेल जैसे महान नेताओं के सपने पूरे हो सकें।

'स्टेचू ऑफ यूनिटी' अमेरिका की 93 मीटर ऊंची 'स्टेचू ऑफ लिबर्टी' से करीब दोगुनी ऊंची होगी और रियो डि जेनेरियो स्थित 'क्राइस्ट द रिडीमर' की प्रतिमा से चार गुना ऊंची होगी।


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