नारद स्टिंग केस:  सुप्रीम कोर्ट से ममता बनर्जी को राहत, कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर रोक  

ममता बनर्जी और मलय घटक ने कलकत्ता हाई कोर्ट में नारद स्टिंग मामले में हलफनामा दाखिल करने की इजाजत नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. पीठ ने ममता और मलय घटक द्वारा दायर अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट से कहा कि राज्य सरकार और घटक की याचिका पर विचार करने के बाद ही मामले की सुनवाई की जाय.

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ममता बनर्जी ने हलफनामा दाखिल करने की इजाजत नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. (फाइस फोटो)
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) और कानून मंत्री मलय घटक को राहत दी है और उनके हलफनामे को नहीं लेने के कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के फैसले पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने ममता बनर्जी को नए सिरे से कलकत्ता हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा है कि वो इन अर्जियों पर फिर से विचार करे, - इसके बाद ही मामले में आगे सुनवाई करे. 

ममता बनर्जी और मलय घटक ने कलकत्ता हाई कोर्ट में नारद स्टिंग मामले में हलफनामा दाखिल करने की इजाजत नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. पीठ ने ममता और मलय घटक द्वारा दायर अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट से कहा कि राज्य सरकार और घटक की याचिका पर विचार करने के बाद ही मामले की सुनवाई की जाय.

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता सोमवार 29 जून तक हाईकोर्ट में आवेदन दें. कोर्ट ने कहा है कि उसकी कॉपी एडवांस में 27 जून तक CBI को दी जाय. CBI को भी 29 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है और उसकी कॉपी याचिकाकर्ता को 28 जून तक एडवांस में देने को कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कलकत्ता हाइकोर्ट का 9 जून का आदेश रोका  जा रहा है. हाइकोर्ट मामले में  29 जून को नए सिरे से फैसला ले.

ममता बनर्जी को इस मामले में पक्षकार बनाया गया था. जब सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के चार मंत्रियों को गिरफ्तार किया था, तब वह सीबीआई कार्यालय पहुंची थीं. 

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पिछले महीने नारद घोटाले में टीएमसी के चार मंत्रियों फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. मामला एक स्टिंग ऑपरेशन से संबंधित है, जिसे आमतौर पर नारद स्टिंग ऑपरेशन के रूप में जाना जाता है. ये लोग स्टिंग करने वाले शख्स सैमुअल से अवैध रूप से रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद हो गए थे.

अदालत ने उच्च न्यायालय में ट्रांसफर करने के लिए सीबीआई के आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा था कि वह चार नेताओं की गिरफ्तारी के दिन ममता बनर्जी और घटक की भूमिका को लेकर उनके द्वारा दायर हलफनामे पर विचार करने के बारे में बाद में फैसला करेगी.

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