मुंबई में पांच महीने की तीरा कामत स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक एक बीमारी से जूझ रही हैं, जिसके इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की ज़रूरत है. मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले तीरा के माता-पिता ने क्राउड फंडिंग कर अब यह पैसे इकट्ठा किया है, जिसके बाद इस महीने तीरा का इलाज किया जाएगा.
प्रियंका कामत इसी तरह सोशल मीडिया पर अपनी बेटी तीरा के चल रहे इलाज के बारे में लोगों को बताती हैं और साथ ही उन सभी लोगों का धन्यवाद करती हैं जो तीरा के इलाज के लिए आर्थिक मदद कर रहे हैं. 5 महीने की तीरा को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी है. यह एक न्यूरो मस्कुलर डिसऑर्डर है, जिसमें पीड़ित कमज़ोर होने लगता है और चलने फिरने में असमर्थ हो जाता है. इस जेनेटिक बीमारी के इलाज के लिए Zolgensma नामक एक इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस इंजेक्शन की कीमत करीब 22 करोड़ रुपये है, और इसलिए तीरा के माता-पिता सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों से अपील कर आर्थिक मदद की मांग कर रहे थे.
तीरा के पिता मिहिर कामत ने कहा, "तीरा के जन्म के समय मुझे लगा था कि हमने उसके भविष्य के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं, लेकिन जिस तरह से तीरा को इस बीमारी से जूझना पड़ रहा है. हम इसके इलाज के लिए रकम जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके लिए हमें 16 करोड़ रुपये की ज़रूरत है.''
तीरा के परिवारवालों ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल के साथ ही क्राउड फंडिंग से जुड़े वेबसाइट इम्पैक्ट गुरु की भी मदद ली, जहां पर उन्होंने अपने बेटी के बीमारी के बारे में बताकर लोगों से मदद की अपील की. राहत की बात यह रही कि तीन महीने के कार्यकाल में इस वेबसाइट पर देश-विदेश से लाखों लोगों ने पैसों की सहायता कर तीरा के इलाज के लिए पैसे इकट्ठा किए.
कुल 87,136 लोगों ने तीरा के इलाज के लिए पैसों की सहायता की. औसतन प्रति व्यक्ति ने 1750 रुपये की मदद की. भारत, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया समेत कुल 10 देशों से लोगों ने आर्थिक सहायता की. कुल 14.92 करोड़ रुपये इकट्ठा किये गए. 100 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये की मदद भी लोगों ने की है.
इम्पैक्टगुरु के सीईओ पीयूष जैन ने कहा, ''यह एक रिकॉर्ड ब्रेकिंग कैंपेन है भारत में आजतक एक व्यक्ति के लिए कभी इतनी बड़ी रकम इकट्ठा नहीं हुई है. 87 हज़ार लोगों ने औसतन 1750 रुपये की आर्थिक सहायता की है, साथ ही यह कैंपेन उन तमाम लोगों के लिए भी एक उम्मीद लेकर आती है जिन्हें इलाज के लिए पैसों की ज़रूरत है. इससे पता चलता है कि दवाई कितनी भी महंगी क्यों ना हो, दुनिया में लोग मदद करते हैं.''
तीरा के इलाज के लिए Zolgensma नामक एक इंजेक्शन की ज़रूरत पड़ती है, जिसकी भारत में कीमत 22 करोड़ रुपये है. इतनी बड़ी रकम का एक कारण है स्टैम्प ड्यूटी. इस इंजेक्शन का भारत में इस्तेमाल के लिए 6 करोड़ रुपये स्टैम्प ड्यूटी भरना पड़ता है, लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इसे माफ करने की अपील की, जिसके बाद केंद्र सरकार ने 6 करोड़ रुपये के टैक्स को माफ किया.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''इस मामले में जिस तरह से उन्होंने इतनी जल्दी यह निर्णय लिया, मैं मानता हूं कि यह एक संवेदनशील सरकार है और संवेदनशील नेतृत्व का परिचय इससे होता है.''