सैफ के हमलावर के चेहरे का सच सामने आ जाएगा... जानिए क्या है FRT टेस्ट

मुंबई पुलिस अभिनेता सैफ अली खान पर चाकू से हमला करने के आरोप में गिरफ्तार बांग्लादेशी व्यक्ति के चेहरे की पहचान के लिए फेशियल रिकग्निशन टेस्ट (FRT) करने जा रही है. ताकि इसकी पुष्टि हो सके कि CCTV में दिखने वाला आरोपी और गिरफ्तार व्यक्ति एक ही हैं.

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मुंबई पुलिस ने अदालत को बताया है कि वो आरोपी का FRT करना चाहती है.
मुंबई:

मुंबई पुलिस ने 19 जनवरी को अभिनेता सैफ अली खान पर चाकू से हमला करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया था. आरोपी की पहचान बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम शहजाद मोहम्मद रोहिल्ला अमीन फाकिर के तौर पर हुई है. जब ये आरोपी सैफ के घर से हमला करके भागा था, तो CCTV में इसका चेहरा कैद हो गया था. जिसके आधार पर पुलिस ने मामले की जांच को आगे बढ़ाया और आरोपी को गिरफ्तार किया. हालांकि CCTV में दिखने वाला शख्य क्या शरीफुल ही है? ये सवाल कई लोगों के मन में आ रहा है. क्योंकि CCTV में दिखने वाले आरोपी का चेहर शरीफुल से अलग लग रहा है.

आरोपी के पिता ने लगाए गंभीर आरोप

आरोपी शरीफुल के पिता ने दावा किया है कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा व्यक्ति उनका बेटा नहीं है. पिता ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे को कुछ समानताओं के आधार पर गिरफ्तार करके मामले में फंसाया गया है. इन सवालों के बीच ही अब मुंबई पुलिस आरोपी का फेशियल रिकग्निशन टेस्ट (FRT) करने जा रही है. फेशियल रिकग्निशन टेस्ट की मदद से ये साफ हो जाएगी कि CCTV में दिखने वाला व्यक्ति शरीफुल है कि नहीं. 

पुलिस ने आरोपी को पिछली हिरासत अवधि समाप्त होने पर बांद्रा में एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया था. अदलात ने आरोपी की पुलिस हिरासत 29 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी.

पुलिस की ओर से पेश सरकारी अभियोजकों के एस पाटिल और प्रसाद जोशी ने अदलात से कहा है कि आरोपी के चेहरे की पहचान की पुष्टि की आवश्यकता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह वही व्यक्ति है जो अभिनेता की इमारत के सीसीटीवी फुटेज में दिखा था.

क्या होती है FRT टेस्ट

फेशियल रिकग्निशन तकनीक किसी व्यक्ति के चेहरे की विशेषताओं (आंखे, नाक, होंठ) की तुलना उपलब्ध छवियों से की जाती है. ये एक प्रकार की बायोमेट्रिक पहचान तकनीक है. ये तकनीक तीन भागों में विभाजित है. चेहरा पहचानना, चेहरा ट्रैकिंग और चेहरे को मिलना. फेस रिकग्निशन का उपयोग मुख्य रूप से यह पता करने के लिए किया जाता है कि दो तस्वीरों में मौजूद व्यक्ति एक ही व्यक्ति है या नहीं.

फेशियल रिकग्निशन तकनीक के तहत फोटों में मौजूद व्यक्ति की बायीं और दायीं आंख, आंखों और माथे, आंखों और नाक में कितनी दूरी है, ये सब देखा जाता है. इसी आधार पर पता लगाया जाता है कि दोनों व्यक्ति एक है कि नहीं. पुलिस कई मामलों में इस तकनीक की मदद से ही अपराधियों तक पहुंचती है.

बता दें कि, 16 जनवरी को देर रात घर में घुसे हमलावर ने चाकू से हमला कर अभिनेता सैफ अली को घायल कर दिया था. इसके बाद मुंबई के लीलावती अस्पताल में उनकी सर्जरी की गई। 21 जनवरी को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. अभिनेता सैफ अली खान पर हमला करने के आरोप में शहजाद को 19 जनवरी को तड़के ठाणे से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस मामले में अब तक 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी है. आरोपी को पकड़ने के लिए 35 टीमें गठित की गई थीं. बांद्रा कोर्ट ने आरोपी को पहले 24 जनवरी तक कस्टडी में भेजा था, जिसे बढ़ाकर 29 जनवरी तक कर दिया गया.

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