हांगकांग में मल्‍टीनेशनल कंपनी हुई डीप फ़ेक का शिकार, कर्मचारियों से ठग लिए गए 2.5 करोड़ डॉलर

डीप फ़ेक फोटो या वीडियोज फ़ेक होते हुए भी रियल नजर आते हैं. इसमें मूल वीडियो या इमेज से छेड़छाड़ की जाती है. इसको ऐसे बदला जाता है कि वो असली से अलग ना लगे.

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नई दिल्ली:

डीप फ़ेक इन दिनों एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है. पहले इसका इस्तेमाल बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ और हाई-प्रोफ़ाइल लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा था. अब ख़बर ये है कि डीपफेक की मदद से हांगकांग में एक मल्टीनेशनल कंपनी को करोड़ों का चूना लगाया गया है. ये फ्रॉड 2.5 करोड़ डॉलर का है.

दरअसल कुछ लोगों ने कंपनी का चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) और कर्मचारी बनकर वीडियो कॉन्फ्रेंस कॉल किए और पैसे की मांग की, फिर उन्हें पैसे भेज दिए गए.

साइबर अधिकारियों ने जांच में पाया कि अपराधियों ने डीप फ़ेक तकनीक का इस्तेमाल करके एमएनसी से 2.56 करोड़ डॉलर ठग लिए. कंपनी के सीएफओ ने सीधे तौर पर पैसे मांगे तो उन्होंने आदेश का पालन किया.

कैसे नकली अधिकारी बन लूटे करोड़ों?
पुलिस ने बताया कि डीप फ़ेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके वीडियो कांफ्रेंस कॉल में कंपनी का नकली अधिकारी बनकर लोगों से ठगी की. इसमें CFO सहित सभी अधिकारी नकली बनाए. हांगकांग दफ़्तर के कर्मचारी समझ नहीं पाए, उन्हें कॉन्फ़्रेंस कॉल असली लगी.

कंपनी का CFO ब्रिटेन में था. कर्मचारी ने बताया कि पहले मेल आया, लेकिन वीडियो कॉल हुई तो पैसे भेजे गए. कॉल में कई लोगों को जानता था, सभी कर्मचारी नकली थे. तकनीक की मदद से ये कर्मचारी बनाए गए थे. कॉल ख़त्म होने से पहले पैसे ट्रांसफ़र करने को कहा गया. लगभग 2.5 करोड़ डॉलर ट्रांसफ़र किए गए. कर्मचारियों ने फिर हेडक्वॉर्टर में जानकारी दी, तब पता चला कि फ़र्जीवाड़ा हुआ है.

क्या है डीप फ़ेक वीडियो?
डीप फ़ेक फोटो या वीडियोज फ़ेक होते हुए भी रियल नजर आते हैं. इसमें मूल वीडियो या इमेज से छेड़छाड़ की जाती है. इसको ऐसे बदला जाता है कि वो असली से अलग ना लगे. मूल वीडियो को डिकोड किया जाता है. डीप फ़ेक तकनीक सालों से मौजूद है, लेकिन हाल के दिनों में इसका दुरुपयोग ज़्यादा बढ़ गया है.

हाल ही में रश्मिका मंदना का डीप फ़ेक वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो देखकर लग रहा था कि वो रश्मिका ही हैं, लेकिन वो एक डीप फ़ेक वीडियो था.