माघ मेले के पांचवे स्नान पर्व माघी पूर्णिमा के मौके पर रविवार को 33 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई. इस पावन मौके पर श्रद्धालु शनिवार रात से ही गंगा घाट पर पहुंचने लगे थे. गंगा स्नान के मौके पर किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए प्रशासन ने अपने तरफ से सभी तरह की तैयारी की थी. अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि सुबह चार बजे से ही लोगों की भीड़ संगम क्षेत्र में आती रही और रविवार को शाम तक करीब 33 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम और गंगा में डुबकी लगाई, डुबकी लगाने के लिए शनिवार रात से ही लोग संगम पर पहुंच गए थे.
उन्होंने कहा कि माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ कल्पवासियों का एक माह का कल्पवास पूरा हो गया और अब वे यहां से अपने अपने गांव अथवा शहर के लिए प्रस्थान होने लगे हैं.
त्रिवेणी संगम आरती सेवा समिति के अध्यक्ष और ज्योतिषाचार्य पंडित राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि माघी पूर्णिमा शनिवार की रात साढ़े नौ बजे ही लग गई थी और यह रविवार को 11:58 बजे तक थी, हालांकि उदया तिथि में रविवार को ही माघी पूर्णिमा स्नान की मान्यता है. माघी पूर्णिमा पर अन्न, वस्त्र के साथ ही खीर का दान करने से हर तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति के योग बनते हैं. माघी पूर्णिमा स्नान के साथ मेला क्षेत्र में महीने भर से कल्पवास कर रहे करीब 20 लाख कल्पवासी आज विदा होंगे.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (माघ मेला) राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था में 5000 से अधिक लोग तैनात किए गए हैं जिसमें नागरिक पुलिस, महिला पुलिस, घुड़सवार पुलिस, एलआईयू की टीम, खुफिया विभाग के अधिकारी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जल पुलिस आदि शामिल हैं. उन्होंने बताया कि मेले में रीवर एंबुलेंस और फ्लोटिंग पुलिस चौकी की भी व्यवस्था की गई है. सीसीटीवी, ड्रोन कैमरों से लोगों पर नजर रखी जा रही है. माघ मेले का अगला और अंतिम स्नान पर्व 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पड़ेगा जिसके साथ माघ मेला संपन्न होगा.