राजस्थान के चित्तौगढ़ से लगातार दो बार के सांसद चंद्र प्रकाश जोशी ( Chandra Prakash Joshi) को बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. इसके कई कयास लगाये जा रहे हैं. आखिर चुनाव से ठीक 6 महीने पहले अध्यक्ष बदलकर बीजेपी ने क्या संदेश दिया है.
सीपी जोशी दो बार के सांसद हैं. भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. उनके पास संगठन का लंबा अनुभव है. इन्हें किसी गुट का नहीं माना जाता है. उदयपुर के दिग्गज नेता गुलाब चंद कटारिया के असम का राज्यपाल बनाये जाने के बाद बीजेपी का मेवाड़ का क्षेत्र खाली हो गया था. उससे एक नई लीडरशीप के तौर पर सीपी जोशी को लाने का यह एक प्रयोग माना जा रहा है. सीपी जोशी को केंद्र का खास माना जाता है.
एबीवीपी से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले सीपी जोशी संघ के नजदीक माने जाते हैं. 47 वर्षीय जोशी 58 साल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के मुकाबले युवा हैं. प्रदेश के सियासी जानकारों का कहना है कि पूनिया को राष्ट्रीय संगठन में जगह मिल सकती है. वहीं, अब नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति भी जल्द होने के आसार हैं. गुलाब चंद कटारिया के राज्यपाल बनाए जाने के बाद से यह पद खाली है. ऐसे में अब नेता प्रतिपक्ष गैर ब्राह्मण चेहरा होने के आसार हैं.
चंद्र प्रकाश जोशी चित्तौड़गढ़ से दो बार लोकसभा पहुंचे हैं. 2014 में पहली बार चुने गए. इसके बाद 2019 में इस सीट से चुनाव जीते. 2014 के आम चुनाव में उन्होंने कांग्रेसी की वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास को हराया था. जोशी राजस्थान बीजेपी के 15वें अध्यक्ष और 7वें ब्राह्मण अध्यक्ष हैं. प्रदेश में अध्यक्ष बदलने के बाद बीजेपी के सामने अब नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन एक चुनौती होगी.
ये भी पढ़ें:-
"अपमान करेंगे तो कार्रवाई होगी" : राहुल गांधी पर सूरत कोर्ट के फैसले पर बीजेपी
ममता बनर्जी की ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से भेंट को लेकर तीसरे मोर्चे की चर्चाओं ने पकड़ा जोर