Monsoon Session 2021: मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह से पहले केंद्र को विपक्ष का संदेश

मानसून सत्र 2021: विपक्ष पेगासस स्पाइवेयर विवाद, किसानों के मुद्दों और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है. विपक्ष ने इन मुद्दों को लेकर सरकार को एक संदेश भी दिया है.

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संसद के मानसून सत्र को लेकर विपक्ष का सरकार को संदेश. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

संसद का मानसून सत्र समाप्त होने में महज एक सप्ताह का समय बचा है, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन ने आज मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यवाही में भाग लें और विपक्ष की मांगों को सुनें. विपक्ष पेगासस स्पाइवेयर, किसानों के मुद्दे और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए संघर्ष कर रहा है. ओब्रायन ने संसद में विभिन्न विपक्षी दलों का तीन मिनट का वीडियो ट्वीट किया, जिसका शीर्षक था "मिस्टर मोदी आइये हमारी बात सुनिये."

प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ उद्घाटन भाषण और नए मंत्रियों का परिचय कराने के लिए एक बार संसद में उपस्थित हुए हैं. एक वैश्विक मीडिया संघ द्वारा कई देशों में स्पाइवेयर के अवैध उपयोग के बारे में रिपोर्ट किए जाने के एक दिन बाद, 19 जुलाई को शुरू होने के बाद से मानसून सत्र बाधित ही रहा है.

समाचार पोर्टल "द वायर" के मुताबिक भारत में स्पाइवेयर का इस्तेमाल राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों, नौकरशाहों और अदालत के अधिकारियों, एक पूर्व चुनाव आयुक्त और अन्य पर किया जा सकता था. "द वायर" ने बताया कि संदिग्ध निगरानी लक्ष्यों की सूची में लगभग 300 नंबर पाए गए. कुछ फोन के फोरेंसिक विश्लेषण में हैकिंग के निशान भी मिले हैं. पेगासस मामले में सरकार ने संसद में बयान में किसी भी अवैध जासूसी से इनकार किया है, साथ ही इस मामले पर चर्चा करने से इनकार कर दिया है.

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नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक वीडियो में संसद में कहते हुए सुना जा सकता है कि, "पिछले 14 दिनों से जिन मुद्दों पर चर्चा की मांग की जा रही है आप उसपर चर्चा नहीं कर रहे हैं. आप बिना चर्चा के बिलों को पारित कर रहे हैं. अगर आप में हिम्मत है तो चर्चा अभी करें.''

शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण ने कहा, "यह सरकार बेवजह लोगों की जासूसी कर रही है, पेगासस जैसी कंपनियां ला रही है और लोगों की नहीं सुन रही है. यह शर्म की बात है."

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राजद के मनोज झा ने कहा, 'पेगासस सबके घर पहुंच गया है. हमें इस पर चर्चा करनी है.'

आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार गुप्ता ने कहा, "दिल्ली में एक दलित लड़की के साथ बलात्कार हुआ और उसे जला दिया गया, लेकिन सरकार इस बारे में बात तक नहीं कर रही है."

किसानों के विरोध का समर्थन कर रहे कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अगर उनका "माइक्रोफोन बंद नहीं हुआ" तो वह किसानों के मुद्दे पर बात करेंगे.

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सीपीएम ने सरकार पर संसदीय लोकतंत्र को "चोरी" करने का आरोप लगाया. तृणमूल के सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा, "संसद में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होनी चाहिए."

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द्रमुक ने भी सरकार के इस मुद्दे से निपटने का विरोध करते हुए कहा, "आइए हम लोकतंत्र की गुणवत्ता पर चर्चा करें". अधिकांश विपक्षी दलों ने सरकार पर तानाशाही चलाने का आरोप लगाया है.

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संसद में बार-बार हंगामे और स्थगन से नाराज प्रधानमंत्री ने भाजपा सांसदों से कांग्रेस पर निशाना साधने को कहा है.

उन्होंने पार्टी के संसदीय दल की एक बैठक में भाजपा सांसदों से कहा, "दोनों सदनों में विपक्ष के कृत्यों से संसद का अपमान किया जा रहा है. जिस व्यक्ति ने कागज छीन लिया और उसे फाड़ दिया, उसे अपने कृत्यों का पछतावा नहीं है." उनका इशारा तृणमूल सांसद शांतनु सेन की तरफ था, जिन्होंने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के कागजात छीन लिए थे, जब वह पेगासस घोटाले पर बयान देने वाले थे.

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