देशभर में मानसून की दस्तक! कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी; जानें क्या है IMD का अलर्ट

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है. साथ ही कहा है कि मानसून के आगे बढ़ने के लिए भी परिस्थितयां अनुकूल हैं.

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नई दिल्‍ली:

गुजरात और राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में रविवार को भारी बारिश हुई जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ. दक्षिण-पश्चिम मानसून देश के उत्तरी राज्यों की ओर आगे बढ़ रहा है. देश भर में बारिश से संबंधित घटनाओं जैसे बिजली गिरने और डूबने से कई लोगों की मौत की खबर है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश उन राज्यों में शामिल हैं जहां रविवार को भारी बारिश हुई. साथ ही मौसम‍ विभाग ने अगले चार-पांच दिनों तक कई राज्‍यों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया है. 

मौसम विभाग ने 02 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश, 04 जुलाई तक उत्तराखंड, 01 और 02 जुलाई को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्‍ली और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्‍थानों पर 3 जुलाई तक भारी बारिश का अनुमान जताया है.

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इसके साथ ही 01 जुलाई को पूर्वी राजस्थान, 01 और 03 जुलाई को उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 4 मई तक अलग-अलग स्‍थानों पर भारी बारिश की संभावना है तो मौसम विभाग का अनुमान है कि बिहार में 2 जुलाई तक भारी बारिश हो सकती है. 

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आईएमडी ने कहा कि सौराष्ट्र क्षेत्र से सटे उत्तर-पूर्व अरब सागर पर चक्रवाती परिसंचरण के कारण गुजरात में बारिश का दौर चल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण सूरत, भुज, वापी, भरूच और अहमदाबाद शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया और निचले इलाकों में पानी भर जाने के कारण यातायात प्रभावित हुआ, जिससे कुछ सड़कें और अंडरपास दुर्गम हो गए. सूरत जिले के पलसाना तालुका में दस घंटों में 153 मिमी बारिश हुई, जो राज्य में सबसे अधिक है.

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मौसम विभाग के अनुसार गुजरात में अगले चार दिनों तक बारिश का दौर जारी रहेगा. आईएमडी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि दक्षिण और मध्य गुजरात तथा सौराष्ट्र क्षेत्र में रविवार के बाद सोमवार को भी अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश बारिश होने का अनुमान है.

मंगलवार तक दिल्‍ली में भारी बारिश का पूर्वानुमान 

दिल्ली में मंगलवार तक भारी बारिश के पूर्वानुमान के बीच नगर निकायों ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं जिसके तहत कर्मचारियों और उपकरणों की तैनाती बढ़ाने समेत क्षेत्रीय इकाइयों को सतर्क रखने के कदम उठाए गए हैं.

राष्ट्रीय राजधानी में मानसून आगमन के पहले दिन शुक्रवार की सुबह 228.10 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 1936 के बाद जून माह में अब तक की सर्वाधिक वर्षा है. बारिश से शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया और कई लोगों की जान चली गई.

राजस्‍थान के भरतपुर संभाग में भारी से बहुत भारी बारिश 

राजस्थान के कई हिस्सों में रविवार को भारी बारिश हुई. चुरू में सबसे अधिक 51.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि शहर में तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस रहा. पिछले 24 घंटों में भरतपुर संभाग के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई. यहां पर 24 घंटों के दौरान धौलपुर के बाड़ी में 12 और बसेड़ी में 11 सेमी बारिश दर्ज की गई. वहीं भरतपुर जिले के नगर में 10, कुम्‍हेर में 9 और डीग में 8 सेमी बारिश दर्ज की गई. 

मौसम विभाग ने अगले चार-पांच दिनों में पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है. राज्य में अधिकतम तापमान श्रीगंगानगर में 41.3 डिग्री दर्ज किया गया.

देवरिया में बिजली गिरने से दो लोगों की मौत 

वहीं, उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में पुलिस ने बताया कि रविवार को बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में एक पुजारी समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य घायल हो गए.

पुलिस के अनुसार, यह घटना अपराह्न करीब एक बजे हुई, जब इलाके में भारी बारिश हो रही थी. गोपालपुर गांव में स्थित मंदिर में बिजली गिरने के समय मंदिर के पुजारी राधेश्याम गिरी (50) समेत कुछ लोग मंदिर में शरण लिए हुए थे.

दूसरी घटना में, राजनाथ कुशवाहा (40) उस समय बिजली की चपेट में आ गए जब वे अपने खेतों में धान की बुवाई कर रहे थे. उनकी मौके पर ही मौत हो गई.​​​​


लोनावाला इलाके में दो की मौत, 3 लापता 

इस बीच, महाराष्ट्र में रविवार को पुणे के लोनावाला इलाके में भुशी बांध के पास एक झरने में एक महिला और 13 वर्षीय एक लड़की डूब गई, जबकि 4-6 आयु वर्ग के तीन बच्चे लापता हैं.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना अपराह्न डेढ़ बजे हुई जिसके बाद खोज एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गए.

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि वे एक ही परिवार के सदस्य हैं और भुशी बांध से करीब दो किलोमीटर दूर एक झरने में फिसलकर गिर गए और नीचे जलाशय में डूब गए.''

भूस्‍खलन के कारण किश्तवाड़-पद्दार मार्ग अवरुद्ध

जम्मू-कश्मीर में रविवार को भूस्खलन के कारण किश्तवाड़-पद्दार मार्ग अवरुद्ध हो गया, जबकि जम्मू संभाग के अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई, जिससे लोगों को चिलचिलाती गर्मी से कुछ राहत मिली.

किश्तवाड़ जिले में रविवार अपराह्न बारिश के कारण पथरनाकी के निकट सड़क पर भूस्खलन हो गया, जिससे वाहनों की आवाजाही रोकनी पड़ी.

जम्मू प्रांत के अधिकांश हिस्सों में दिनभर बादल छाए रहे और विभिन्न क्षेत्रों, खासकर किश्तवाड़, डोडा, राजौरी, पुंछ, उधमपुर और रामबन के पहाड़ी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की खबरें हैं. ग्रीष्मकालीन राजधानी जम्मू में भी सुबह-सुबह हल्की बारिश हुई.

मौसम विभाग ने तीन जुलाई तक देर रात या सुबह के समय जम्मू संभाग के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान जताया है. इसके बाद चार से सात जुलाई तक अधिकांश स्थानों पर रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है.

मौसम विभाग ने अचानक बाढ़, भूस्खलन और पत्थर गिरने की चेतावनी भी जारी की है. उत्तराखंड के हल्द्वानी, रामनगर, देहरादून, हरिद्वार, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, पटना और हैदराबाद में भारी बारिश के बाद कई सड़कें जलमग्न हो गईं.

बिहार में रविवार को कई स्‍थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हुई है. बिहार के जहानाबाद में बारिश का पानी अस्पताल में घुस गया. मौसम विभाग ने बिहार में 02 जुलाई तक अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है. 

मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां

आईएमडी ने शनिवार को अगले चार से पांच दिनों में उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है. साथ ही कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून शनिवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में आगे बढ़ गया है.

मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो से तीन दिनों में पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब के अधिक भागों तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू के शेष क्षेत्रों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.

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