महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Ex Home Minister Anil Deshmukh) के साथ-साथ उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख की भी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से झटका लगने के बाद अनिल देशमुख और उनके बेटे ऋषिकेश को प्रवर्तन निदेशालय ने तलब किया है. सुप्रीम कोर्ट ने अनिल देशमुख के खिलाफ ED को दंडात्मक कार्यवाही ना करने का आदेश देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉड्रिंग के तहत कार्यवाही पर भी रोक लगाने से इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बिना आदेश जारी नहीं कर सकते.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके बेटे को सोमवार को यहां अपने सामने पेश होने के लिए नया समन जारी किया है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि राकांपा के 72 वर्षीय नेता और उनके बेटे ऋषिकेश को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दो अगस्त को मामले के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा गया है.
देशमुख मामले में पूछताछ के लिए संघीय जांच एजेंसी के कम से कम तीन समन पर पेश नहीं हुए हैं. उनके बेटे और पत्नी को भी बुलाया गया था और वे भी पेश नहीं हुए. समन महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत-सह-जबरन वसूली रैकेट के संबंध में पीएमएलए के तहत दर्ज आपराधिक मामले में जारी किए गए थे, जिसके कारण अप्रैल में देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
एजेंसी ने पिछले महीने देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित परिसरों के साथ ही उनके सहयोगियों एवं अन्य के परिसरों पर छापेमारी की थी. बाद में इसने इस मामले में उनके दो सहयोगियों, निजी सचिव संजीव पलांडे (51) और निजी सहायक कुंदन शिंदे (45) को गिरफ्तार किया था. मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर कम से कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था, जिसके आधार पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था. इसी के बाद ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.