प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत तमिलनाडु के मत्स्य पालन, मछुआरा कल्याण और पशुपालन मंत्री अनीता आर. राधाकृष्णन और उनके परिवार से जुड़ी 1.26 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियां जब्त की है. ये संपत्तियां तूतीकोरिन, मदुरै और चेन्नई में स्थित हैं.
ईडी ने तूतीकोरिन के सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) द्वारा दर्ज केस के आधार पर जांच की. FIR में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अनीता आर. राधाकृष्णन पर उनके आय स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया.
14 मई 2001 से 31 मार्च 2006 के दौरान DVAC ने पाया कि अनीता आर. राधाकृष्णन ने लगभग 2.07 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की. इसके बाद, 2022 में ईडी ने 18 अचल संपत्तियां जब्त कीं, जिनकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपये थी.
ईडी की जांच में क्या खुलासा हुआ?
- अनीता आर. राधाकृष्णन और उनके परिवार के सदस्य अब भी अपराध से अर्जित संपत्तियों का उपयोग कर रहे हैं
- जांच से पता चला कि इन संपत्तियों का निवेश किया गया, नकद जमा किए गए, और फिर लोन लेकर इनका उपयोग किया गया
- इन संपत्तियों से लाभ अर्जित कर नई संपत्तियां खरीदी गईं, जिन्हें बाद में वैध दिखाने की कोशिश की गई
- जांच अवधि के बाद अनीता आर. राधाकृष्णन और उनके परिवार ने 17.74 करोड़ रुपये की अतिरिक्त संपत्ति अर्जित की, जो पहले से जब्त संपत्तियों से पैदा हुई अपराध की आय से जुड़ी हुई है.
- ईडी के मुताबिक 2022 में जब्त की गई संपत्तियों से मिले पैसे का उपयोग परिवार के सदस्यों द्वारा नई संपत्तियां खरीदने में किया गया. यह दिखाता है कि इन संपत्तियों का स्रोत अपराध से अर्जित धन था.
- ईडी ने कहा कि मामले की गहन जांच जारी है और अनीता आर. राधाकृष्णन से जुड़ी अन्य संपत्तियों की भी जांच की जा रही है
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