कार्ति चिदंबरम को झटका : कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका, HC जाने के लिए मांगा 7 दिन का समय

कोर्ट ने पिछले हफ्ते दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में कांग्रेस नेता के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था

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कार्ति चिदंबरम (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कथित वीजा घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को सीबीआई की एक अदालत ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम (Congress MP Karti Chidambaram) की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी. कोर्ट ने पिछले हफ्ते दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में कांग्रेस नेता के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

पिछली सुनवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के वकील ने कहा था कि अंतरिम जमानत दी जाती है तो जांच प्रभावित हो सकती है, हम यह पता नहीं लगा पाएंगे कि पैसे कहां गए? उन्‍होंने कहा कि PMLA की जांच अपराध की मात्रा तक ही सीमित नहीं है क्योंकि FIR में कहा गया है कि वहां अन्य लेनदेन हो सकता है. यह रकम करोड़ के पार भी हो सकती है.

ED ने कार्ति को अग्रिम जमानत की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि धन शोधन और नकली वीजा के आरोप गंभीर हैं और इस मामले में कार्ति की दलीलें लचर और प्री मेच्योर हैं. इन पर भरोसा करना जोखिम भरा और जांच पर असर डालने वाला होगा.

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सीबीआई ने कार्ति से 11 साल पुराने मामले में पूछताछ भी किया था. जिसे कांग्रेस नेता ने ‘‘फर्जी'' और ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध'' का परिणाम बताया था. यह मामला 2011 का है, जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे.

सीबीआई ने कार्ति और अन्य के खिलाफ वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (TSPL) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा उन्हें और उनके करीबी एस भास्कररमन को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने के मामले में 14 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी.

सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि रिश्वत लेकर 263 चीनी कामगारों के लिए परियोजना वीजा जारी किया गया. टीएसपीएल पंजाब में बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी.

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प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि परियोजना वीजा 2010 में बिजली और इस्पात क्षेत्र के लिए पेश किए गए एक विशेष प्रकार के वीजा थे, जिसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान जारी किए गए थे. हालांकि, इन्हें फिर से जारी करने का कोई प्रावधान नहीं था. जांच एजेंसी इस मामले में भास्कररमन को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने तलवंडी साबो पावर लिमिटेड प्रोजेक्ट में काम करने वाले चीनी इंजीनियरों के लिए रिश्वत लेकर वीजा जारी कराया था. इस मामले में सीबीआई ने नया मामला दर्ज किया है. इसी सिलसिले में 17 मई को कार्ति चिदंबरम के चेन्नई.मुंबई, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, ओडिशा में स्थित करीब नौ ठिकानों पर सीबीआई ने छापा मारा था.

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