मध्य प्रदेश ‘मिलेट मिशन योजना’ को दो वर्ष तक सभी जिलों में लागू करेगा

एक अधिकारी ने कहा कि दो साल (2023-24 और 2024-25) के दौरान इस योजना पर कुल 23.25 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

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मिशन के तहत किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी पर मोटे अनाजों के गुणवत्ता प्रमाणित बीज दिए जाएंगे.
भोपाल:

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य ‘मिलेट मिशन' योजना को दो साल के लिए सभी जिलों में लागू करने का निर्णय लिया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार ने दो साल के लिए सभी जिलों में किसान कल्याण और कृषि विभाग के माध्यम से राज्य की मिलेट (ज्वार-बाजरा जैसे मोटे अनाज) मिशन योजना को लागू करने का फैसला किया है.''

उन्होंने कहा कि दो साल (2023-24 और 2024-25) के दौरान इस योजना पर कुल 23.25 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. मिशन के तहत किसानों को सहकारी समितियों और सरकारी संस्थानों के माध्यम से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर मोटे अनाजों के गुणवत्ता प्रमाणित बीज दिए जाएंगे.

अधिकारी ने कहा कि मिशन के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए राज्य कृषि उत्पादन आयुक्त के तहत एक समिति गठित की जाएगी. उन्होंने कहा कि ज्वार-बाजरा की खेती, उनके प्रसंस्करण और विपणन को बढ़ावा देने के लिए इस योजना का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि इसके अलावा अध्ययन यात्रा के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा इसके प्रचार-प्रसार के लिये मेले, कार्यशाला, गोष्ठी, फूड फेस्टिवल एवं रोड शो आयोजित किये जायेंगे.

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अधिकारी ने कहा कि यह भी तय किया गया है कि किसी भी सरकारी कार्यक्रम में जहां दोपहर या रात का भोजन आयोजित किया जाता है, वहां मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसे जाएंगे। छात्रावासों और मध्याह्न भोजन में भी सप्ताह में एक बार बाजरा से बने व्यंजन परोसे जाएंगे.

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अधिकारी ने कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में, राज्य मंत्रिमंडल ने ट्रांसजेंडर को पिछड़ा वर्ग श्रेणी में शामिल करने को मंजूरी दी. इससे ट्रांसजेंडर लोगों को पिछड़ा वर्ग के सभी लाभ मिलेंगे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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