मराठा आरक्षण : "मेरी मौत हुई तो लंका की तरह..." - अनशन पर बैठे मनोज जरांगे की बिगड़ी तबीयत, नाक से बह रहा खून

Maratha Reservation: आंदोलकारी मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि मराठाओं का आरक्षण दिलाए बिना मैं पीछे नहीं हटूंगा. चाहे मेरी जान भी चली जाए. मेरी जान जाने के बाद क्या ये सरकार बचेगी? क्या ये मंत्री, विधायक अपने घर रहेंगे? अगर मेरी जान चली जाती हैं तो श्रीलंका जैसा हाल महाराष्ट्र में हो जाएगा. शिंदे और फडणवीस साहब..अगर मराठा आरक्षण नहीं मिलेगा तो दूसरी श्रीलंका महाराष्ट्र में दिखेगी.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
अनशन पर बैठे मनोज जरांगे ने सरकार को दी चेतावनी
मुंबई:

Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर आमरण अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल की तबीयत बिगड़ गई है. अनशन का आज 5वां दिन है. साथ ही मराठा आरक्षण के लिए बुधवार को सकल मराठा समुदाय ने महाराष्ट्र बंद बुलाया. मांगें नहीं माने जाने तक वो ना अनशन तोड़ेंगे और ना ही अपना इलाज करवाएंगे. तीखे शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर इस दौरान उनकी "मौत हुई तो महाराष्ट्र लंका की तरह जलेगा."

जालना जिले के अंतरावली सराटी गांव में, पांच दिन से आमरण अनशन पर हैं. नाक से खून बह रहा है लेकिन मनोज जरांगे कदम पीछे लेने को राज़ी नहीं हैं. आंदोलकारी मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि मराठाओं का आरक्षण दिलाए बिना मैं पीछे नहीं हटूंगा. चाहे मेरी जान भी चली जाए. मेरी जान जाने के बाद क्या ये सरकार बचेगी? क्या ये मंत्री, विधायक अपने घर रहेंगे? अगर मेरी जान चली जाती हैं तो श्रीलंका जैसा हाल महाराष्ट्र में हो जाएगा. शिंदे और फडणवीस साहब..अगर मराठा आरक्षण नहीं मिलेगा तो दूसरी श्रीलंका महाराष्ट्र में दिखेगी.

मनोज जरांगे की तबीयत बिगड़ने से मराठा नाराज हैं. सकल मराठा समुदाय ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद बुलाया. बीड़, हिंगोली और मनमाड़ में बंद का असर दिखा. जालना-जलगांव रोड पर मराठा आंदोलनकारियों ने टायर जला दिए. जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती दिखी. कहीं प्यार से फूल बांटे गए तो कहीं ST बस पर पथराव हुआ.  धाराशिव जिले में 13 फरवरी की आधी रात से बीड ज़िले में 27 फरवरी तक धारा 144 लगा दी गई.

इधर, जारांगे की हालत देख वंचित बहुजन अघाड़ी नेता प्रकाश अंबेडकर ने उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की सलाह दी है. प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि जारांगे पाटिल को आगामी लोकसभा में किसी भी पार्टी के समर्थन के बिना जालना से स्वतंत्र रूप से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए. हमने जारांगे पाटिल को संदेश भेजा है कि इस लड़ाई में अपना शरीर त्यागने का कोई मतलब नहीं है. उपवास के माध्यम से जागरूकता लानी थी, वह कर दी गई है.”

मराठा आरक्षण की मांग कब शुरू हुई?
महाराष्ट्र में मराठा राज्य की आबादी का लगभग 33 प्रतिशत हिस्सा हैं. यह समुदाय शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा है. सन 1981 में राज्य में मथाडी मजदूर संघ के नेता अन्नासाहेब पाटिल के नेतृत्व में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर पहला विरोध प्रदर्शन किया गया था.

यह समुदाय मराठों के लिए कुनबी जाति के प्रमाण पत्र की मांग कर रहा है जिससे वे ओबीसी श्रेणी में शामिल होकर आरक्षण पा सकेंगे. कृषि से जुड़े कुनबी जाति के लोगों को महाराष्ट्र में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी में रखा गया है.

Advertisement

साल 2014 में कांग्रेस राज्य में सत्ता में थी. कांग्रेस सरकार तब मराठों को 16 प्रतिशत आरक्षण देने का अध्यादेश लाई थी. महाराष्ट्र सरकार ने 2018 में एक विशेष प्रावधान- सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम के तहत मराठा आरक्षण को मंजूरी दे दी.

साल 2019 का हाई कोर्ट का फैसला
Featured Video Of The Day
Delhi New CM Rekha Gupta Meets PM Modi: रेखा गुप्ता की PM मोदी से मुलाकात, दिल्ली पर क्या हुई बात?
Topics mentioned in this article