कांग्रेस नेता मनीष तिवारी (Congress leader Manish Tewari) शुक्रवार को तहलका संस्थापक तरुण तेजपाल (Tarun Tejpal) के समर्थन में ट्विटर पर अपने पोस्ट को लेकर शिवसेना सांसद और कांग्रेस में पूर्व सहयोगी रहीं प्रियंका चतुर्वेदी (Shiv Sena MP Priyanka Chaturvedi) से उलझते नजर आए. तीखी नोकझोंक के दौरान मनीष ने अपनी पूर्व सहयोगी को मानहानि और अवमानना के मामले में कोर्ट में घसीटने की चेतावनी भी दी. मामला तब शुरू हुआ जब मनीष ने तरुण तेजपाल की प्रशंसा में ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'मेरे कॉलेज सीनियर और बेहद बदनामी झेल चुके, सियासी तौर पर सताए गए और अब सम्मानपूर्वक बरी किए गए तरुण तेजपाल ने अपनी नई बुक एनीमल फार्क का टीजर शानदार तरीके से लिखा है (My college Senior the much maligned, hugely politically persecuted and now honourably exonerated the brilliant and mercurial Tarun Tejpal has written this teaser of his new book Animal Farm Tarun at his evocative and provocative best (sic).'
उनके इस ट्वीट को लेकर प्रियंका चतुर्वेदी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई. शिवसेना की सांसद ने लिखा, 'मुझे आज पता लगा कि तरुण तेजपाल को सम्मानपूर्वक बरी किया गया और उन्हें राजनीतिक तौर पर सताया गया था. एक महिला के यौन शोषण के आरोपों को कुछ लोगों द्वारा इस तरह खारिज कर दिया जाना बीमार मानसिकता है और उन्हें लगता है कि महिलाओं के सामने वे मनचाहा व्यवहार कर सकते है और गंभीर अपराधों को भी हंसी में उड़ा सकते हैं. शर्मनाक (Today I got to know that Tarun Tejpal was 'honorably exonerated' and 'politically persecuted'. To rubbish a woman's sexual assault by this cosy club, smacks of their sick mindset. They believe they can behave as they wish around women and laugh off the serious crime. Shameful).' प्रियंका ने यह भी कहा कि फैसले को मुंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. 'ऐसे में बरी किए जाने के जश्न को रोका जाए. इस तरह का साहस रखने वाली और शक्तिशाली का मुकाबला करने वाले युवा महिला को और शक्ति दिए जाने की जरूरत है (So the celebration on exoneration can hold. More power to the young lady who had the courage to take such powerful clique head on).
जवाब देने की बारी अब मनीष तिवारी की थी. उन्होंने लिखा, 'प्रियंका, एक वकील के रूप में आपके विपरीत मुझे पता है कि फैसले को किस तरह पढ़ा जाता है और किस तरह इसका सम्मान किया जाता है. तरुण तेजपाल पर केस चलाया गया और उन्हें निर्दोष पाया गया. यह एक कठोर तथ्य है. गोवा सरकार हाईकोर्ट गई है. यदि आपको समस्या हो तो कहो आपके पास मुंबई और गोवा हाईकोर्ट में कहने को क्या है (Unlike you @priyankac19 as a lawyer I know how to read a judgment and respect it. Tarun Tejpal was tried and found innocent. That is the cold hard fact. Goa Government has gone to High Court. If you have a problem say what you have too in the High Court of Mumbai and Goa).'
इस पर प्रियंका चतुर्वेदी ने पलटवार करते हुए लिखा, 'मनीष तिवारी, आपकी तरह वकील होने और फैसला पढ़ने की क्षमता आपको उच्च स्थान पर नहीं रखती है. यह स्वतंत्र प्लेटफॉर्म है, मुझे भी राय रखने का उतना ही हक है जितना आपको एक कथित रेपिस्ट की पीठ थपथपाने का. (Unlike you @ManishTewari just being a lawyer and ability to read a judgement does not put you on a higher plain. Also this is a free platform I have a right to opinion as much as you have a right to pat the back of an alleged rapist.)'कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस पर जवाब दिया, '@priyankac19 यह मुझे वास्तव में कानून के न्याय और हमारे संविधान के तहत स्थापित न्यायालयों की ओर से दिए गए निर्णयों का सम्मान करने के बारे में पूरी तरह जागरूक करता है. प्लीज मानहानि और अवमानना की सीमा मत लांघिये, मुझे साथी सांसद और पार्टी की पूर्व सहयोगी को कोर्ट में ले जाने में पीड़ा होगी (It actually does @priyankac19. It makes me acutely conscious about respecting rule of law and judgments delivered by Courts established under our Constitution. Please do not cross the line of libel & defamation. I would be anguished to take a fellow MP & former Colleague to Court). '
प्रियंका ने जवाब दिया, 'ओह, चुप रहने के लिए धमकी. एक वकील को यह अहसास होना चाहिए कि मेरे पहले ट्वीट में आपको टेग नहीं किया गया था, न ही मार्क किया गया था. आप ही कूद (मामले में) पड़े और मैंने जवाब दिया (Ooh! Threat to silence. Typical. As a lawyer should realise my first tweet wasn't even tagged or marked to you, you chose to jump in and I responded in kind).'मनीष ने इस पर लिखा, 'कानून को लेकर अज्ञानता एक तरह का आनंद है न @priyankac19. मानहानि का कानून अपने मायने जानता है मैम (Ignorance of the law is bliss ain't it @priyankac19. The law of libel recognises a slur by implication also Mam).
वैसे अपने इस ट्वीट को लेकर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को पत्रकारों सहित कई ट्विटर यूजर्स की भी आलोचना का शिकार होना पड़ा था.
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