मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, इंफाल में कई जगहों पर आगजनी के बाद कर्फ्यू; 2 उपद्रवी गिरफ्तार

Manipur Unrest: मणिपुर की राजधानी इंफाल के न्यू चेकॉन इलाके में एक स्थानीय बाजार में जगह को लेकर मैतई और कुकी समुदाय के बीच मारपीट हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक, उपद्रवियों ने कुछ खाली घरों को भी आग के हवाले कर दिया.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
मणिपुर में मैतई आरक्षण विवाद को लेकर कई दिनों से हिंसा और तनाव का माहौल है.
इंफाल:

मणिपुर की राजधानी इंफाल में फिर से हिंसा भड़कने (Manipur Unrest) की खबर है. समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को कई जगहों पर आगजनी के चलते कर्फ्यू लगा दिया गया है. न्यू लम्बुलेन के लोकल मार्केट में जगह को लेकर मैतेई और कुकी समुदाय के बीच झगड़ा हुआ. इसके बाद उपद्रवियों ने कुछ घरों में आग लगा दी. हिंसा को देखते हुए सेना को बुलाया गया. वहीं, चेकॉन इलाके में हिंसा भड़कने के बाद सोमवार को मणिपुर के एक पूर्व विधायक और दो अन्य को बंदूकों के साथ गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल, इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया और 26 मई तक इंटरनेट भी बैन कर दिया गया है.

मणिपुर में मैतई आरक्षण विवाद को लेकर कई दिनों से हिंसा और तनाव का माहौल है. कुछ दिनों तक शांति के बाद सोमवार को फिर से हिंसा भड़की है. 15 मई तक हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 73 तक पहुंच गई थी. दंगाइयों ने यहां कई घरों को आग के हवाले कर दिया था. 

3 मई को पहली बार भड़की थी हिंसा
इससे पहले 3 मई को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में हिंसा भड़क उठी थी. 4 मई को यहां हालात बेकाबू हो गए थे. राज्य सरकार ने उपद्रवियों को गोली मारने का आदेश दिया था. साथ ही सेना को भी सुरक्षा के लिए बुलाया गया था.

Advertisement

अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित 
आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में हिंसा की वजह से अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. सरकार ने दंगाइयों को गोली मारने का आदेश दे रखा है. हिंसक घटनाओं में अब तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है. 230 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं और 1700 घरों को जलाया गया है.
 

Advertisement

गृहमंत्री अमित शाह ने उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई का दिया भरोसा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है. उन्होंने दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है.

Advertisement

मणिपुर की आबादी में आधे से ज्यादा मैतई समुदाय
मणिपुर की लगभग 38 लाख की आबादी में से आधे से ज्यादा मैतेई समुदाय के लोग हैं. मणिपुर के लगभग 10% क्षेत्रफल में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल है. मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने के लिए आदेश जारी किए हैं.

Advertisement

क्यों आरक्षण मांग रहा ये समुदाय?
अपनी सांस्कृतिक पहचान के लिए मैतई समुदाय आरक्षण मांग रहा है. समुदाय के लोगों का तर्क है कि 1949 में भारतीय संघ में विलय से पूर्व उन्हें रियासतकाल में जनजाति का दर्जा प्राप्त था. पिछले 70 साल में मैतई आबादी 62 फीसदी से घटकर लगभग 50 फीसदी के आसपास रह गई है. 

आरक्षण का क्यों हो रहा है विरोध?
मणिपुर की नगा और कुकी जनजाति मैतई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं. राज्य के 90% क्षेत्र में रहने वाला नगा और कुकी राज्य की आबादी का 34% हैं. इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतई बहुल इंफाल घाटी में हैं. राजनीतिक रूप से मैतई समुदाय का पहले से ही मणिपुर में दबदबा है. नगा और कुकी जनजातियों को आशंका है कि एसटी वर्ग में मैतई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों में बंटवारा होगा. मौजूदा कानून के अनुसार, मैतई समुदाय को राज्य के पहाड़ी इलाकों में बसने की इजाजत नहीं है.

ये भी पढ़ें:-

अमित शाह ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर कड़ी कार्रवाई का दिया आदेश : सूत्र

मणिपुर हिंसा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर की सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगाने से किया इनकार

मणिपुर: इंफाल घाटी में सेना ने विस्फोटक बरामद किए, प्रभावित इलाकों में गश्त जारी

Featured Video Of The Day
Maharashtra Exit Poll: महाराष्ट्र में मतदान का 30 साल का रिकॉर्ड टूटा. क्या है जनता का पैगाम?
Topics mentioned in this article