ऑफिस नहीं आने पर अब कर्मचारियों को नहीं मिलेगी सैलरी, मणिपुर सरकार लागू करेगी ये नियम

मणिपुर सरकार में एक लाख कर्मचारी हैं. सर्कुलर में सभी प्रशासनिक सचिवों से उन कर्मचारियों की डिटेल पेश करने को कहा गया है. डिटेल में कर्मचारियों का पदनाम, नाम, ईआईएन, वर्तमान पता सामान्य प्रशासन विभाग और कार्मिक विभाग को सौंपा जाएगा.

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प्रतीकात्मक फोटो.
इंफाल:

मणिपुर सरकार (Manipur Government) ने सरकारी कर्मचारियों पर 'काम नहीं वेतन नहीं' (No Work No Pay) नियम लागू करने का फैसला किया है. सर्कुलर में सभी प्रशासनिक सचिवों से उन कर्मचारियों की डिटेल पेश करने को कहा गया है, जो राज्य में मौजूदा स्थिति के कारण अपनी आधिकारिक ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हो सके. बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा (Manipur Unrest) से माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. हिसंक घटनाओं में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर सरकार में एक लाख कर्मचारी हैं. सर्कुलर में सभी प्रशासनिक सचिवों से उन कर्मचारियों की डिटेल पेश करने को कहा गया है. डिटेल में कर्मचारियों का पदनाम, नाम, ईआईएन, वर्तमान पता सामान्य प्रशासन विभाग और कार्मिक विभाग को सौंपा जाएगा. इन सभी पर 28 जून तक कार्रवाई की जाएगी.

किन कर्मचारियों पर लागू होगा 'नो वर्क नो पे' नियम?
जीएडी सचिव माइकल एकॉम द्वारा 26 जून की रात जारी एक सर्कुलर में कहा गया- '12 जून को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक और कार्रवाई के पैरा 5-(12) में लिए गए निर्णय के अनुसार सभी कर्मचारी सामान्य प्रशासन विभाग से अपना वेतन प्राप्त कर रहे हैं. मणिपुर सचिवालय को सूचित किया जाता है कि उन सभी कर्मचारियों पर नो वर्क, नो पे लागू किया जा सकता है, जो अधिकृत अवकाश के बिना अपनी आधिकारिक ड्यूटी पर नहीं आते हैं.'

सेना ने की शांति बहाल में मदद की अपील
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सेना ने लोगों से शांति बहाल करने में उनकी मदद करने का आग्रह किया है. सेना ने कहा कि हिंसा प्रभावित इस पूर्वोत्तर राज्य में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर रास्तों को ब्लॉक किया जा रहा है. ऐसा करके सुरक्षा बलों के अभियान में रुकावट डाली जा रही है. सेना के ‘स्पीयर्स कोर' ने सोमवार देर रात ट्विटर पर ऐसी कुछ घटनाओं का एक वीडियो शेयर किया.

सेना ने वीडियो शेयर करते हुए कहा, ‘‘मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के अभियान में बाधा डाल रही हैं. इस तरह का अनुचित हस्तक्षेप गंभीर परिस्थितियों के दौरान जान-माल का नुकसान रोकने के लिए सुरक्षा बलों को समय पर जरूरी कार्रवाई करने से रोकता है.'' 

3 मई से हुई थी हिंसा की शुरुआत
मणिपुर में बीती 3 मई को हिंसा की शुरुआत हुई थी, जब मैतई समुदाय को जनजातीय आरक्षण देने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल्स स्टूडेंट यूनियन ने विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद राज्य में हिंसा भड़क गई. अब तक हिंसा में कई सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग घायल हैं.

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