मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा- बीजेपी सांसद तीन साल की सजा होने पर डिसक्वालिफाई नहीं, फिर राहुल गांधी क्यों?

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने NDTV से कहा- सरकार कानून अपने हाथ में लेकर लोगों को डिसक्वालिफाई कर रही है, उनका मुंह बंद कर रही है.

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मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा- जो खुलकर बोलते हैं, उनकी आवाज बंद करने की पूरी कोशिश की जा रही है.
नई दिल्ली:

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज NDTV से कहा कि, बीजेपी के एक सांसद ने अनुसूचित जाति के डॉक्टर को तमाचा मारा था. तब उसने सांसद के खिलाफ अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार अधिनियम (SC/ST Atrocities Act) के तहत केस रजिस्टर कराया था. इस केस में बीजेपी सांसद को तीन साल की सजा हुई लेकिन वह डिसक्वालिफाई नहीं हुआ. 

उन्होंने कहा कि, बीजेपी का सांसद 16 दिन के बाद स्टे लेकर फिर वापस लोकसभा आ सकता है लेकिन राहुल गांधी जी को जब डिफेमेशन केस में दो साल की सजा हुई होती है तो 'लाइटनिंग स्पीड' में डिसक्वालिफिकेशन होता है. इससे आप अंदाजा लगाईए कि सरकार किस ढंग से कानून अपने हाथ में लेकर लोगों को डिसक्वालिफाई कर रही है, उनका मुंह बंद कर रही है. और खासकर राहुल गांधी, जो खुलकर बोलते हैं, उनकी आवाज बंद करने की पूरी कोशिश कर रही है. 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, लेकिन हमारी जो मुहिम है, लड़ाई है, वह जारी रहेगी. गुजरात कांग्रेस के नेताओं ने इसकी शिकायत की थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई.

मुझे सुप्रीम कोर्ट ने बाइज्जत बरी किया : बीजेपी सांसद नारनभाई कछाड़िया

अमरेली से बीजेपी के लोकसभा सांसद नारनभाई कछाड़िया ने मल्लिकार्जुन खरगे के आरोप पर एनडीटीवी से कहा कि, उन्हें अमरेली कोर्ट द्वारा तीन साल के लिए दोषी ठहराया गया था, लेकिन राहुल गांधी की तरह लोकसभा से अयोग्य नहीं ठहराया गया था.

उन्होंने कहा कि, ''मैं एनडीटीवी का आभारी हूं और एनडीटीवी के माध्यम से देशवासियों को और अपने क्षेत्र के लोगों को यह बताना चाहता हूं कि किसी भी व्यक्ति को देश में न्याय प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. मलिकार्जुन खरगे जी ने मेरे ऊपर आरोप लगाया है. मैं कहना चाहता हूं कि मुझे कोर्ट ने बाइज्जत बरी किया है. मुझे सुप्रीम कोर्ट ने बाइज्जत बरी किया, मैं कानूनी प्रक्रिया से गुजरा.'' 

नारनभाई कछाड़िया ने कहा कि, ''अमरेली सेशन कोर्ट ने मुझे सजा सुनाई तो मैं हाईकोर्ट में गया और जब वहां मुझे बेल नहीं मिली तो मैं सीधे सुप्रीम कोर्ट में आया. सुप्रीम कोर्ट से बरी होने के बाद मैं वापस लोकसभा में आया.'' 

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उन्होंने कहा कि, ''आज देश में कांग्रेस को किसी पर भी भरोसा नहीं है, न्याय तंत्र पर भी नहीं है. इलेक्शन कमीशन पर, देश के संविधान पर, देश की कानून व्यवस्था पर भी भरोसा नहीं है. राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट ने फैसला किया. उन्हें भी न्याय प्रक्रिया से गुजरना होगा. देश में कानून सभी के लिए बराबर है.''

संसद के बजट सत्र में आगे की रणनीति पर चर्चा

आज सुबह कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद के बजट सत्र में आगे की रणनीति पर चर्चा की. सूत्रों का कहना है कि विपक्षी सदस्यों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के विषय पर चर्चा करने की मांग जारी रखने का निर्णय किया गया. कांग्रेस के सांसद प्रमोद तिवारी ने NDTV से कहा कि, यह फैसला हुआ है कि कल सभी विपक्षी दलों के सांसद बजट सत्र पर तथ्य रखेंगे. सभी विपक्षी दलों के सांसद तिरंगा मार्च में भाग लेंगे.

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राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई इस बैठक में खरगे के अलावा कांग्रेस, द्रमुक, शिवसेना (यूबीटी), तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए.

केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने तथा दो साल की सजा सुनाए जाने के मद्देनजर पिछले दिनों लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया.

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सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम'' संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें दोषी ठहराया था तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई थी.

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