क्या लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे मल्लिकार्जुन खरगे? अटकलों के बीच पार्टी में बढ़ी टेंशन

मल्लिकार्जुन खरगे गुलबर्गा निर्वाचन क्षेत्र से दो बार जीते थे लेकिन 2019 में वह हार गए थे. तब से वह राज्यसभा में हैं, जहां वह विपक्ष के नेता हैं और उच्च सदन में उनके चार साल और बचे हैं.

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मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि वह एक 'निर्वाचन क्षेत्र' तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं.
नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस साल शायद लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) में हिस्सा न लें. इन अटकलों के कारण पार्टी के बीच टेंशन बढ़ गई है. दरअसल, पिछले हफ्ते कर्नाटक के प्रत्याशियों की सूची को लेकर हुई बैठक में सभी ने गुलबर्गा निर्वाचन क्षेत्र से खरगे के नाम पर सहमति जताई है लेकिन एनडीटीवी को उनके एक करीबी सूत्र से पता चला है कि वो इस सीट से अपने दामाद राधाकृष्णन डोड्डामणि को उतार सकते हैं. 

मल्लिकार्जुन खरगे गुलबर्गा निर्वाचन क्षेत्र से दो बार जीते थे लेकिन 2019 में वह हार गए थे. तब से वह राज्यसभा में हैं, जहां वह विपक्ष के नेता हैं और उच्च सदन में उनके चार साल और बचे हैं. मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के मंत्रिमंडल में मंत्री हैं. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वह लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं. 

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि वह "एक निर्वाचन क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहना चाहते बल्कि पूरे देश पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं". हालांकि, कांग्रेस के पास पार्टी अध्यक्ष के चुनाव न लड़ने का कोई रिकॉर्ड नहीं है. हाल ही के वर्षों में, सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ने चुनाव लड़ा है और जीता भी है. हालांकि, राहुल गांधी 2019 में स्मृति ईरानी से पार्टी का गढ़ रही अमेठी सीट से चुनाव हार गए थे. 

यहां तक कि बीजेपी में भी इस साल अध्यक्ष जेपी नड्डा चुनावों में नहीं लड़ रहे हैं. इससे पहले 2014 और 2019 में बीजेपी चीफ राजनाथ सिंह और अमित शाह को लखनऊ और गांधीनगर सीट पर भारी मतों से जीत प्राप्त हुई थी. 

इंडिया ब्लॉक की पिछली बैठक में, मल्लिकार्जुन खरगे को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी ब्लॉक के प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किया गया था लेकिन मल्लिकार्जुन खरगे ने यह कहते हुए मना कर दिया था कि चुनाव खत्म होने के बाद इस मामले पर चर्चा की जानी चाहिए. 

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