मालदीव पर बोले एस जयशंकर- पद के मुताबिक सब हों जिम्मेदार, भारत हर मसले पर बातचीत को तैयार

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को नसीहत भी दी है. उन्होंने कहा, "सियासत और जिम्मेदारी के पद पर अलग तरह से बर्ताव जरूरी होता है. पद के मुताबिक सभी को जिम्मेदार होना चाहिए."

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नई दिल्ली:

भारत और मालदीव (Maldives-India Row)के रिश्ते में बीते कुछ महीनों से लगातार तनाव देखने को मिल रहा है. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohammed Muizzu )के भारत विरोधी नीतियों की वजह से ये तनाव बढ़ता जा रहा है. भारत में जहां मालदीव का बॉयकॉट किया जा रहा है. वहीं, मालदीव की विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है. मौजूदा तनाव पर विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बड़ा बयान दिया है. विदेश मंत्री ने कहा, "मालदीव और भारत को मिल-बैठकर समस्या का हल निकालना चाहिए. भारत हर मसले पर बातचीत को तैयार है."

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को NDTV के साथ खास बातचीत में ये बातें कही. इस दौरान उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को नसीहत भी दी है. उन्होंने कहा, "सियासत और जिम्मेदारी के पद पर अलग तरह से बर्ताव जरूरी होता है. पद के मुताबिक सभी को जिम्मेदार होना चाहिए." जयशंकर ने स्वीकार किया कि अपने लगभग सभी पड़ोसियों के संबंध में भारत की स्थिति मजबूत है."

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एस जयशंकर ने कहा, "मालदीव बिल्कुल अलग विषय है. हमारे पड़ोस में भी लोकतंत्र है और वहां चुनाव होते हैं. हम एक बड़े पड़ोसी हैं. ये स्वभाविक है कि कभी-कभी हम उनकी सिसासत में एक विषय बन सकते हैं. कई बार हम विवाद का भी विषय बन जाते हैं. किसी के लिए भी चुनाव में पद लेना एक बात है, लेकिन जब सार्वजनिक पद की बात आती है, तो आपकी जिम्मेदारियां बदल जाती हैं."

विदेश मंत्री ने कहा, "मौजूदा हालात पर मुझे लगता है कि दोनों देशों को मैच्योर बातचीत करना चाहिए. हमारी कुछ मुलाकातें हो चुकी हैं. दुबई में मालदीव के राष्ट्रपति कि पीएम मोदी से मुलाकात हुई थी. मैं अपने समकक्ष (मालदीव के विदेश मंत्री) से दो बार मिल चुका हूं. मैं यही कहूंगा कि दोनों देशों को शांति से बैठकर बात करनी चाहिए. हम हर मसले पर बात करने को तैयार हैं."

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15 नवंबर 2023 को राष्ट्रपति बने मुइज्जू
15 नवंबर 2023 को मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी. इसके बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आई है. 14 जनवरी को मालदीव में हुई कोर कमेटी की बैठक में मुइज्जू सरकार ने वहां मौजूद 88 भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया.

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हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया. इसके बाद इन मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था. वहीं भारत में #BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा था.

मुइज्जू ने दिया 'इंडिया आउट' का नारा
मुइज्जू हमेशा से खुले तौर पर भारत के विरोध में नजर आए हैं. उन्होंने चुनाव के दौरान भी 'इंडिया आउट' का नारा दिया था. राष्ट्रपति मुइज्जू का झुकाव चीन की ओर ज्यादा रहा है. 

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मुइज्जू ने इसी महीने किया चीन का दौरा
जनवरी में राष्ट्रपति मुइज्जू ने चीन का राजकीय दौरा किया था. यह उनका पहला राजकीय दौरा था, जबकि आमतौर पर मालदीव के राष्ट्रपति पहला राजकीय दौरा भारत का करते हैं. चीन से लौटने के बाद मुइज्जू ने उसकी तारीफ की थी. उन्होंने कहा था- 'चीन हमारे आंतरिक मसलों में दखल नहीं देता. उन्होंने यह भी कहा था कि हमारा देश छोटा है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं की किसी को हमें धमकाने का लाइसेंस मिल गया है.'

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मालदीव के टूरिज्म में आई गिरावट
भारत विरोधी नीति के कारण मालदीव के टूरिज्म में भारी गिरावट आई है. मालदीव के नेशनल टूरिज्म मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 3 हफ्तों में मालदीव जाने वाले भारतीयों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई. साल 2023 में मालदीव में भारतीय टूरिस्ट की संख्या सबसे ज्यादा रही थी. हालांकि, 28 दिसंबर के डेटा के मुताबिक अब ऐसा नहीं है.

टूरिज्म मिनिस्ट्री के मुताबिक, मालदीव में इस साल अब तक सबसे ज्यादा टूरिस्ट रूस के पहुंचे हैं. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर इटली तो वहीं तीसरे पर चीन है. भारत पहले पायदान से पांचवे पर खिसक गया है.

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