"साइबर अपराध से निपटने के लिए साझा रणनीति बनाएं": जी-20 सम्मेलन में बोले अमित शाह

अमित शाह ने कहा, "हमारी सुरक्षा चुनौतियों का 'डायनामाइट से मेटावर्स' और 'हवाला से क्रिप्टोकरेंसी' में परिवर्तन दुनिया के देशों के लिए चिंता का विषय है. सभी को मिलकर एक रणनीति तैयार करने की जरूरत है." उन्होंने कहा कि कोई भी देश अकेले इससे नहीं लड़ सकता है या अकेले ही साइबर खतरों का मुकाबला करें."

विज्ञापन
Read Time: 25 mins

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ "असामाजिक तत्व" और वैश्विक ताकतें नागरिकों और सरकारों को आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही हैं. केंद्रीय गृह मंत्री में कहा कि प्रौद्योगिकी मनुष्यों, समुदायों और देशों को करीब लाने में एक सकारात्मक विकास है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व और वैश्विक ताकतें भी हैं, जो प्रौद्योगिकी का उपयोग नागरिकों और सरकारों को आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए कर रहे हैं.

शासन और लोक कल्याण में डिजिटल साधनों को बढ़ावा देते हुए अमित शाह ने जी-20 प्रतिनिधियों को सुरक्षा चिंताओं के बारे में भी आगाह किया और कहा कि डिजिटल क्षेत्र में असुरक्षा राष्ट्रों की वैधता और संप्रभुता पर सवाल उठा सकती है. अमित शाह ने "एनएफटी (नॉन-फंगिबल टोकन), एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा पर जी 20 सम्मेलन" का उद्घाटन करते हुए कहा, "यह आवश्यक है कि नागरिकों को डिजिटल प्लेटफार्मों में विश्वास हो."

अमित शाह ने कहा, "हमारी सुरक्षा चुनौतियों का 'डायनामाइट से मेटावर्स' और 'हवाला से क्रिप्टोकरेंसी' में परिवर्तन दुनिया के देशों के लिए चिंता का विषय है. सभी को मिलकर एक रणनीति तैयार करने की जरूरत है." उन्होंने कहा कि कोई भी देश अकेले इससे नहीं लड़ सकता है या अकेले ही साइबर खतरों का मुकाबला करें."

Advertisement

अमित शाह ने ये भी कहा डिजिटल दुनिया में सुरक्षा संबंधी चिंताओं को भी रेखांकित किया. उन्होंने विश्व बैंक के अनुमान का हवाला देते हुए कहा, ''दुनिया के कई देश साइबर हमलों का शिकार हो गए हैं और यह खतरा दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर मंडरा रहा है.'' उन्होंने विश्व बैंक के अनुमान का हवाला देते हुए कहा कि साइबर हमलों से 2019 के दौरान दुनिया को लगभग 5.2 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है.

Advertisement

गृह मंत्री शाह ने कहा, "दुर्भावनापूर्ण खतरे वाले अभिनेताओं द्वारा क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग इसकी पहचान और रोकथाम को और अधिक जटिल बना देता है. साइबर अपराधों की सीमाहीन प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, हमें देशों के विभिन्न कानूनों के तहत एक प्रतिक्रिया तंत्र स्थापित करना चाहिए. डिजिटल अपराधों का मुकाबला करने के लिए सभी देशों के कानूनों में कुछ एकरूपता लाने का प्रयास किया जाना चाहिए."

Advertisement

गृह मंत्री के मुताबिक, आतंकवादी हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के नए तरीके ढूंढ रहे हैं. उन्होंने कहा, "आतंकवादी अपनी पहचान छिपाने और कट्टरपंथी सामग्री फैलाने के लिए डार्क नेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. साथ ही, वे वित्तीय लेनदेन के लिए आभासी संपत्ति के रूप में नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं."

Advertisement

बयानों में भारत के गृह मंत्रालय द्वारा देशों के जी-20 समूह में बातचीत को केवल डिजिटल परिवर्तन और आर्थिक परिप्रेक्ष्य में डेटा प्रवाह से लेकर अपराध और सुरक्षा के संबंध को समझने और समाधान खोजने के प्रयासों को रेखांकित किया गया है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "इस सम्मेलन का उद्देश्य डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने और सुरक्षित करने के लिए एक सुरक्षित और कुशल अंतरराष्ट्रीय ढांचे को बढ़ावा देना है."

ये भी पढ़ें:- 
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव : बिना मुख्यमंत्री के चेहरे पर चुनावी मैदान में उतरेगी BJP,जानिए बीजेपी का प्लान

दिल्ली में यमुना का बढ़ता जलस्तर : सिंघू, बदरपुर, लोनी और चिल्ला बॉर्डरों से भारी मालवाहक वाहनों की एंट्री पर रोक

Featured Video Of The Day
Balochistan को लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करने की मांग हुई तेज़ | NDTV Explainer | Pakistan
Topics mentioned in this article