संसद की एथिक्स कमेटी की सदस्य अपराजिता सारंगी (Aparajita Sarangi) ने आज कहा कि, तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने कमेटी की बैठक में पूछताछ के दौरान शालीनता की सारी सीमाएं पार कर दीं. उन्होंने चेयरमैन के लिए दो शब्द 'बेहूदा' और 'बेशरम' का इस्तेमाल किया. अब वे फर्जी कहानी गढ़ने की कोशिश कर रही हैं और विक्टिम कार्ड खेलकर देश के लोगों को गुमराह कर रही हैं.
अपराजिता सारंगी ने कहा कि "...वे शालीनता की सभी सीमाएं पार कर गईं. हमने महुआ मोइत्रा को आमंत्रित किया था और उन्हें हमारे सवालों का जवाब देना था. चेयरमैन ने कुछ सवाल पूछे थे. उन्होंने अपने प्रश्न दर्शन हीरानंदानी की ओर से पेश किए गए हलफनामे तक सीमित रखे थे. इसलिए किसी सीमा, बल्कि हलफनामे की सामग्री से परे जाने का कोई सवाल ही नहीं था.''
सारंगी ने कहा कि, ''महुआ मोइत्रा ने एक घंटे से अधिक समय तक बात की. उन्होंने अपने निजी जीवन के बारे में बात की, मुझे नहीं लगता कि उसमें किसी की कोई दिलचस्पी थी. और उसके बाद चेयरमैन की ओर से हलफनामे की सामग्री से संबंधित कुछ प्रश्न पूछे गए, तो वे अचानक अपना आपा खो बैठीं. उन्होंने चेयरमैन व समिति के अन्य सदस्यों के खिलाफ गंदी भाषा का इस्तेमाल किया. उनका आचरण बहुत अहंकार से भरा था. वे बहुत असभ्यता से पेश आ रही थीं... वे एक फर्जी कहानी बनाने की कोशिश कर रही हैं और विक्टिम कार्ड खेलकर देश के लोगों को गुमराह कर रही हैं...''
उन्होंने कहा कि, ''महुआ मोइत्रा भूल रही हैं कि एक संसद सदस्य होने के नाते उनके व्यवहार में शालीनता होनी चाहिए. आश्चर्य है कि वे अब अपने लिए विक्टिम कार्ड खेल रही हैं. उस महिला ने कहा कि द्रौपदी का चीरहरण हो रहा है. हमने कभी नहीं सोचा था कि वे ऐसा व्यवहार करेंगी.''
सारंगी ने कहा कि, ''उन्होंने हमारे सवालों का जवाब देने से इनकार किया और शोर मचाया. चेयरमैन ने उनसे कहा कि यदि वे कमेटी के सवालों का जवाब नहीं देना चाहतीं तो 24 घंटे के अंदर यह बात लिखकर दें. आश्चर्य की बात है कि वे कमेटी के सवालों का जवाब देने आई थीं और खुद सवाल कर रही थीं. वे कमरे से पैर पटकते हुए बाहर निकलीं और जाते-जाते उन्होंने चेयरमैन के लिए जो शब्द कहे वे असंसदीय हैं. उन्होंने चेयरमैन के लिए दो शब्द 'बेहूदा' और 'बेशरम' का इस्तेमाल किया. मैं इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहती थी लेकिन वे फर्जी नरेटिव गढ़कर विक्टिम कार्ड खेलकर देश के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं, इसलिए मैंने इन शब्दों का जिक्र किया.''
अपराजिता सारंगी ने कहा कि कमेटी ने क्या फैसला लिया है, यह मैं नहीं बता सकती क्योंकि यह गोपनीय है.
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