महाराष्ट्र में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है. उसने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार की संपत्ति जब्त की है. जानकारी के मुताबिक, श्रीधर माधव पाटनकर उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे के भाई है. ईडी ने उनके स्वामित्व वाली संपत्तियां जब्त की हैं. ईडी ने कहा कि उसने श्री साईबाबा गृहनिर्मिती प्रालि के मुंबई के पास ठाणे में स्थित नीलांबरी परियोजना में 11 आवासीय फ्लैटों को कुर्क करने के लिए मनी लांड्रिंग प्रिवेंशन ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया है. ठाकरे की पत्नी रश्मि के भाई श्रीधर माधव पाटनकर, श्री साईबाबा गृहनिर्मिती प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं और उसे नियंत्रित करते हैं. रश्मि ठाकरे सामना और मार्मिक जैसे शिवसेना प्रकाशनों की संपादक भी हैं. .
एजेंसी ने पुष्पक ग्रुप की कंपनियों में शामिल पुष्पक बुलियन की अचल संपत्ति को अटैच किया है. इस अटैच संपत्ति के तहत ठाणे के नीलांबरी प्रोजेक्ट के तहत 11 आवासीय फ्लैट को भी सीज किया गया है. यह प्रोजेक्ट श्री साईबाबा गृहानिरमिति प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हैं. इनका स्वामित्व और नियंत्रण श्रीधर माधव पाटनकर (Shridhar Madhav Patankar) के पास है.ईडी का यह कदम आयकर विभाग की हाल ही में उन सिलसिलेवार छापेमारी के बाद सामने आया है, जिसमें उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे (Aditya Thackrey), शिवसेना नेता अनिल परब के खिलाफ छापेमारी शामिल है. शिवसेना लगातार इसे केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग और राजनीतिक तौर पर बदले की कार्रवाई बताती रही है.
इस बीच, शिवसेना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रिश्तेदार की संपत्ति जब्त करने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने इसे तानाशाही और प्रतिशोध की कार्रवाई करार दिया है. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने पुष्पक बुलियन और उसकी समूह कंपनियों के खिलाफ 6 मार्च 2017 को मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था और अस्थायी तौर पर पुष्पक बुलियन की 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति को जब्त किया था. यह संपत्ति महेश पटेल, चंद्रकांत पटेल और उनके परिवार और उनके स्वामित्व वाली कंपनियों की थी. बाद की जांच से पता चला कि महेश पटेल ने नंदकिशोर चतुर्वेदी (आवास सुविधा प्रदाता) की मिलीभगत से पुष्पक समूह की कंपनी मेसर्स पुष्पक रियल्टी के धन का गबन और हस्तांतरण किया था. पुष्पक रियल्टी डेवलपर ने बिक्री, फंड ट्रांसफर की आड़ में 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति नंदकिशोर चतुर्वेदी द्वारा नियंत्रित कंपनियों को दी. इसे अन्य कंपनियों के जरिये घुमाफिराकर उन तक पहुंचाई गई.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इसे सरकारी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बताया है. उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि सभी साधनों के दुरुपयोग का इस देश का अभी का महत्वपूर्ण विषय है. आप जो आंकड़े बता रहे हैं गर वो सच हैं तो स्पष्ट कहे तो राजनीतिक उद्देश्य या अन्य किसी उद्देश्य से किए जा रहे काम हैं. सच कहूं तो 15 साल पहले यहां बैठे लोगों ने ED का नाम भी नहीं सुना होगा लेकिन आज गांव-गांव में लोग ED को जानने लगे हैं. दुर्भाग्य से इस सबका दुरुपयोग किया जा रहा है.शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि केंद्र सरकार राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है. जो उनके सामने झुकते नही है उनके ऊपर एजेंसियों के कार्रवाई की जा रही है.
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