नई दिल्ली: शिवसेना के उद्धव और शिंदे गुट के बीच जारी विवाद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र स्पीकर से टाइमलाइन मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर से अयोग्यता याचिका पर फैसला करने की समय सीमा मांगी है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ये मामला अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता. स्पीकर को अयोग्यता पर फैसला करना होगा और कोर्ट की गरिमा का पालन करना होगा.
उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 38 विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर को जल्द फैसला करने के निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की हैं. सुनील प्रभु की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि बड़ी ही गंभीर समस्या है. अभी तक स्पीकर द्वारा नोटिस जारी नहीं हुआ है. क्या यह तमाशा है? हम दसवीं अनुसूची को भी भूल गए. हमने तीन आवेदन दायर किए हैं. कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, फिर हमने 4 जुलाई को याचिका दाखिल की और 14 जुलाई को नोटिस जारी किया गया है.
कपिल सिब्बल ने कहा, "जब हम स्पीकर के पास जाते हैं तो हर विधायक के 100 जवाब होते हैं. फिर स्पीकर कहते हैं कि आपने दस्तावेज दाखिल नहीं किया है. स्पीकर को दस्तावेज दाखिल करना है, हमें नहीं. यहां एक अवैध सरकार है. वह कैसे कह सकते हैं कि मैं जवाबदेह नहीं हूं. अदालत को एक आदेश जारी करना चाहिए.
अयोग्यता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर पर उठाए सवाल और कहा कि स्पीकर को अयोग्यता पर फैसला करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा मई 11 से अब तक स्पीकर ने क्या किया है? स्पीकर के लिए SG तुषार मेहता ने कहा कि हमें एक तथ्य नहीं भूलना चाहिए. स्पीकर एक संवैधानिक पदाधिकारी है. किसी अन्य संवैधानिक न्यायालय के समक्ष उनकी स्थिति को इस तरह उठाया नहीं जा सकता. आप स्पीकर के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते.
CJI ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस मामले में कुछ नहीं हुआ है. CJI ने स्पीकर के लिए पेश हुए सॉलिसीटर जनरल से कहा कि स्पीकर को मामले का निपटारा करना चाहिए. लगता है अभीतक उन्होंने कुछ किया नहीं है. एसजी ने कहा कि स्पीकर कानून के मुताबिक कार्यवाही करेंगे और सुनवाई करेंगे. किसने जवाब दिया और किसने नहीं दिया. ये उनके बीच का मसला है.
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