शिवाजी महाराज के किले यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट लिस्ट में शामिल, सीएम फडणवीस ने बताया 'गौरवशाली क्षण'

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना राज्य के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व व गौरव की बात है.

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शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है.
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  • पेरिस में आयोजित विश्व धरोहर समिति के 47वें सत्र में मराठा शासकों के बारह किलों को विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया.
  • शिवाजी महाराज के किले यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर फडणवीस ने खुशी जताई
  • समिति की बैठक के दौरान 20 में से 18 सदस्य देशों ने इस महत्वपूर्ण स्थल को सूची में शामिल करने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया.
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मुंबई:

विश्व धरोहर समिति के 47वें सत्र में लिए गए एक ऐतिहासिक निर्णय में 2024-25 चक्र के लिए भारत के आधिकारिक नामांकन के तहत 'मराठा मिलिट्री लैंडस्केप ऑफ इंडिया' को यूनेस्को की विश्व धरोहर लिस्ट में शामिल कर लिया गया है. यह मान्यता प्राप्त करने वाली भारत की 44वीं संपत्ति बन गई है. यह वैश्विक सम्मान भारत की चिरस्थायी सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करता है, जो इसकी स्थापत्य प्रतिभा, क्षेत्रीय पहचान और ऐतिहासिक निरंतरता की विविध परंपराओं को प्रदर्शित करता है.

यह प्रस्ताव जनवरी 2024 में विश्व धरोहर समिति के विचारार्थ भेजा गया था और सलाहकार निकायों के साथ कई तकनीकी बैठकों एवं स्थलों की समीक्षा के लिए आईसीओएमओएस के मिशन के दौरे सहित 18 महीने की कठोर प्रक्रिया के बाद शुक्रवार की शाम पेरिस स्थित यूनेस्को मुख्यालय में विश्व धरोहर समिति के सदस्यों द्वारा यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया.

महाराष्ट्र और तमिलनाडु में फैले हैं किले

महाराष्ट्र और तमिलनाडु में फैले चयनित स्थलों में महाराष्ट्र में साल्हेर, शिवनेरी, लोहगढ़, खंडेरी, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजयदुर्ग और सिंधुदुर्ग के साथ-साथ तमिलनाडु में गिंगी किला शामिल हैं.  

शिवनेरी किला, लोहागढ़, रायगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और गिंगी किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन संरक्षित हैं, जबकि साल्हेर किला, राजगढ़, खंडेरी किला और प्रतापगढ़ पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय, महाराष्ट्र सरकार द्वारा संरक्षित हैं. तटीय चौकियों से लेकर पहाड़ी गढ़ों तक विविध भूभागों में स्थित ये किले भूगोल और रणनीतिक रक्षा योजना की परिष्कृत समझ को दर्शाते हैं. साथ मिलकर ये एक सुसंगठित सैन्य परिदृश्य का निर्माण करते हैं, जो देश में दुर्ग निर्माण परंपराओं के नवाचार और क्षेत्रीय अनुकूलन को उजागर करता है.

साल्हेर, शिवनेरी, लोहागढ़, रायगढ़, राजगढ़ और जिंजी पहाड़ी इलाकों में स्थित हैं और इसलिए इन्हें पहाड़ी किले कहा जाता है. घने जंगलों में बसा प्रतापगढ़ एक पहाड़ी वन किले के रूप में वर्गीकृत है. पठारी पहाड़ी पर स्थित पन्हाला एक पहाड़ी पठार किला है. तटरेखा के किनारे स्थित विजयदुर्ग एक उल्लेखनीय तटीय किला है, जबकि समुद्र से घिरे खंडेरी, सुवर्णदुर्ग और सिंधुदुर्ग को द्वीपीय किले के रूप में जाना जाता है.

18 सदस्य देशों ने समर्थन किया

समिति की बैठक के दौरान 20 में से 18 सदस्य देशों ने इस महत्वपूर्ण स्थल को सूची में शामिल करने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया. प्रस्ताव पर 59 मिनट तक चर्चा चली और 18 सदस्य देशों की सकारात्मक सिफारिशों के बाद सभी सदस्य देशों, यूनेस्को, विश्व विरासत केंद्र और यूनेस्को के सलाहकार निकायों (आईसीओएमओएस, आईयूसीएन) ने इस महत्वपूर्ण अवसर के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल को बधाई दी.

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'गौरवशाली क्षण' है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की और देश के लोगों को बधाई दी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि मराठा शासकों की किलेबंदी प्रणाली का प्रतिनिधित्व करने वाले 'मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स' को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना राज्य के लिए 'गौरवशाली क्षण' है. 

फडणवीस ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'महाराष्ट्र सरकार हमारे प्रिय छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करती है!! महाराष्ट्र के सभी नागरिकों और शिवभक्तों को हार्दिक बधाई.' उन्होंने कहा, 'मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि हमारे महानतम राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है.'

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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना राज्य के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व व गौरव की बात है. पवार ने कहा कि ये किले छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा योद्धाओं की वीरता, बलिदान और दूरदर्शिता के साक्षी हैं और अब उनकी विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान और सम्मान मिलेगा.

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