महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (CORONA) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बढ़ते संक्रमण को लेकर सैंपलों की टेस्टिंग के लिए महाराष्ट्र जीनोम सिक्वेसिंग को प्राथमिकता नहीं देगा. ऐसा निर्णय कोविड टास्क फोर्स की सलाह पर लिया गया है. बताया जा रहा है कि कोरोना के मामलों में तेजी से उछाल दर्ज किया गया है. राज्य में गुरुवार को 36000 से अधिक मामले सामने आए. यह आंकड़ा बुधवार की तुलना में 36.65 प्रतिशत अधिक है. जिनोम सिक्वेसिंग पर राज्य का है कि इसे जारी रखने में विफल हो रहा है, क्योंकि देश में कोरोना के दैनिक मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
इस मामले पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने एनडीटीवी को बताया कि कोरोनोवायरस के वैरिएंट की पहचान करने से ज्यादा जरूरी है मरीजों का इलाज करना. महाराष्ट्र में अब तक ओमिक्रॉन वैरिएंट के 876 मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि अभी जीनोम सिक्वेंसिंग सबसे महत्वपूर्ण नहीं है. हम जो भी कर सकते हैं हम करेंगे, लेकिन यह सभी के लिए नहीं है.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी की रैपिड एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव है, तो उसे आरटी-पीसीआर टेस्ट दोहराने की कोई आवश्यकता नहीं है. वहीं जीनोम सिक्वेसिंग की भी आवश्यकता नहीं है. क्योंकि जब वेरिएंट के इलाज की बात आती है तो चाहे वह डेल्टा हो या ओमिक्रॉन, यह बहुत अलग नहीं है.
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बीएमसी (BMC) के एक अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि ओमिक्रॉन वायरस के प्रसार को समझने के लिए भारत सरकार द्वारा जीनोम सिक्वेंसिंग करने की योजना बनी थी. यह टाइम पीरियड 21 दिसंबर से 31 दिसंबर तक था. यह खत्म हो गया है. लेकिन जीनोम सिक्वेंसिंग की हमारी रूटीन प्रोसेस वैसे ही चलता रहेगा. राज्य की प्राथमिकता वायरस के प्रसार को रोकना है. मंत्री ने कहा कि इसे सुनिश्चित करने के लिए पाबंदियां लगाई गई हैं. विवाह, सामाजिक समारोहों, धार्मिक समारोहों और राजनीतिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है. हमने कॉलेज भी बंद कर दिए हैं. मुंबई में गुरुवार को कोरोना के 20,181 नए मामले दर्ज किए गए, यह संख्या बुधवार को दर्ज किए गए मामलों से करीब पांच हजार ज्यादा है. इस दौरान चार लोगों को कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवानी पड़ी है.
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