हनुमान चालिसा विवाद के बाद से सुर्खियों में आए महाराष्ट्र के विधायक रवि राणा और सांसद नवनीत कौर राणा के लिए एक राहत की खबर है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्हें सेशन कोर्ट ने शर्तों के साथ जमानत पर रिहा करने की अनुमति दे दी है. बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने के ऐलान के बाद बिगड़ी कानून व्यवस्था और राजद्रोह के आरोप में दोनों को गिरफ्तार किया गया था और एक हफ्ते से ज्यादा वक्त से दोनों जेल में बंद थे.
महाराष्ट्र सरकार की तरफ से सांसद की जमानत याचिका का जमकर विरोध किया गया था. सरकारी वकील ने कहा था कि सांसद की तरफ से राज्य सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही थी. उन्होंने कहा था कि सांसद का इरादा था कि ऐसे हालात पैदा कर दिए जाएं कि सरकार गिर जाए. वकील की तरफ से कहा गया था कि दोनों ही आरोपियों ने मीडिया इंटरव्यू में कहा था ये सरकार महाराष्ट्र के लिए एक साढ़ेसाती (दुर्भाग्य) है और वे इस साढ़ेसाती को समाप्त करना चाहते थे. इससे ये स्पष्ट रूप से सरकार को हटाने के लिए किया गया कार्य था. न पति-पत्नी पर कई मामलों में मुकदमें दर्ज है. सरकारी वकील ने कहा कि कहा कि उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले चल रहे हैं. उनमें हत्या का मामला भी दर्ज है.
वहीं आरोपी पक्ष के वकील आबाद पौंडा ने कहा कि हमारे मुवक्किल का मकसद किसी भी तरह से हिंसा करने का नहीं था. हम तो सिर्फ प्रार्थना करने वाले थे. ना तो रिमांड में ना ही रिप्लाई में कही भी नही उल्लेख है कि वो लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा पाठ करेंगे. हम वहां शांति से पाठ करने वाले थे. हमने समर्थको को भी नही बुलाया था मतलब कोई भीड़ भी नही बुलाई थी. हमारा कोई मकसद हिंसा का नही था. हम तो सिर्फ हनुमान चालीसा पढ़ने वाले थे. हम किसी मस्जिद के सामने नही जा रहे थे. मुख्यमंत्री के निजी निवास के सामने जो खुद हिंदू हैं और हिंदुत्व के नेता हैं. ये राजद्रोह कैसे बनता है? इससे सरकार खतरे में कैसे आ सकती है?
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