महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर राजनीतिक जंग : फडणवीस के बाद उद्धव और पवार का भी चढ़ा पारा

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों की सरकार के आमने-सामने आने के बाद अब महाराष्ट्र के विपक्षी दल के नेता भी इस मामले में कूद गए हैं. मामले पर तीखे बयान दिए जा रहे हैं.

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उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने का साहस नहीं है.
मुंबई:

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पर की गई टिप्पणी की निंदा की और कहा कि बोम्मई पर भूत सवार हो गया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सीमा मुद्दों पर बयान दे रहे हैं. ऐसा लगता है, जैसे कर्नाटक के सीएम बोम्मई पर महाराष्ट्र के 40 गांवों पर अचानक दावा करने के लिए भूत सवार हो गया है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने का साहस नहीं है. ठाकरे ने शिंदे पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘क्या हमने अपना साहस खो दिया है, क्योंकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री आसानी से महाराष्ट्र के गांवों पर दावा कर रहे हैं.''

यह बयान बोम्मई द्वारा दोनों राज्यों के बीच सीमा मुद्दे पर फडणवीस के साथ वाकयुद्ध में लिप्त होने और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की टिप्पणी को "भड़काऊ" कहने के बाद आया है. बोम्मई ने बुधवार शाम ट्वीट किया, "महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक महाराष्ट्र सीमा मुद्दे पर भड़काऊ बयान दिया है और उनका सपना कभी पूरा नहीं होगा. हमारी सरकार देश की जमीन, पानी और सीमाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है."

फडणवीस ने इससे पहले कहा था कि महाराष्ट्र का कोई गांव कर्नाटक नहीं जाएगा. बेलगाम-कारवार-निपानी सहित मराठी भाषी गांवों को पाने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से लड़ाई लड़ेगी.

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इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए, अजीत पवार ने कहा, "सांगली जिले में जाट तालुका के गांवों पर दावा करने के बाद, अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने अक्कलकोट और सोलापुर पर भी दावा किया है. मैं कर्नाटक के मुख्यमंत्री के बयान की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कड़ा जवाब देना चाहिए. केंद्र को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए. मामला अदालत में लंबित है. यह लोगों का ध्यान भटकाने और महंगाई, बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए है." अजीत पवार ने कहा कि अब केवल मुंबई की मांग की जानी बाकी है.

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इससे पहले कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने पहले कहा था कि सीमा रेखा महाराष्ट्र में एक राजनीतिक उपकरण बन गई है, और सत्ता में कोई भी पार्टी राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस मुद्दे को उठाएगी. बोम्मई ने कहा था कि मेरी सरकार कर्नाटक की सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है और उसने कदम भी उठाए हैं. बोम्मई ने दावा किया कि महाराष्ट्र के सांगली जिले के कुछ गांव, जो पानी के संकट से जूझ रहे हैं, ने कर्नाटक के साथ विलय की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. इसी के बाद दोनों राज्यों के नेताओं के बीच विवाद शुरू हुआ.

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हालांकि, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने बोम्मई के दावों का खंडन किया और कहा कि किसी गांव ने हाल ही में कर्नाटक के साथ विलय की मांग नहीं की है. इस बीच, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ‘कर्नाटक के मुद्दे से भाग नहीं सकती है.'

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