महाराष्ट्र के इरशलवाड़ी में हुए भूस्खलन पर राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने आज कहा कि, पिछले 4 दिनों से NDRF के साथ सामाजिक संस्थाएं राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. गांव में लोगों की कुल संख्या 228 थी. अब तक 27 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं. कुल 143 लोगों को बचाया गया है. बचाए गए 143 में से दो लोगों के परिवार में सिर्फ वही बचे हैं.
सामंत ने कहा कि, सभी को सिडको की तरफ से घर बनाकर दिए जाएंगे. अब भी 57 लोगों के मलबे के अंदर दबे होने की आशंका है, लेकिन गुमशुदा लोगों के परिजनों को विश्वास में लेकर कल से रेस्क्यू ऑपरेशन बंद करने का फैसला लिया गया है.
उन्होंने कहा कि, भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा ना हो इसके लिए इस तरह के पांच गांवों का पुनर्वसन किया जाएगा. कुल 20 गांवों का सर्वे किया जाएगा. एक साल के अंदर भूस्खलन प्रभावित लोगों को पक्के मकान दिए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि, भूस्खलन की घटना के कारण कुल 22 बच्चे अनाथ हुए हैं. सभी बच्चों की देखरेख श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन करेगा.
उधर, इरशलवाडी में भूस्खलन की घटना के बाद 140 परिवारों को कल्याण-डोंबिवली पहाड़ी खाली करने का निर्देश दिया गया है. महाराष्ट्र के ठाणे जिले की कचोरे-नेतिवली पहाड़ी में रह रहे लगभग 140 परिवारों को तत्काल क्षेत्र खाली करने का नोटिस जारी किया गया है क्योंकि यह एक भूस्खलन संभावित क्षेत्र है. पड़ोसी रायगढ़ जिले के इशरलवाड़ी में बुधवार की रात में भूस्खलन की घटना हुई थी.
कल्याण-डोंबिवली नगरपालिका के अधिकारी के अनुसार बीते 30 वर्ष में निवासियों ने विभिन्न स्थानों पर गड्ढे खोद दिए हैं, जिसके चलते यह भूस्खलन संभावित क्षेत्र बन गया है. क्षेत्रवासियों ने अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है. उन्हें फिलहाल विभिन्न शिविरों में रखा जाएगा. इस क्षेत्र में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही है.