महाराष्ट्र : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की छापेमारी, करोड़ों के जेवरात और नकदी जब्त

तलाशी के दौरान बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज और अपराध से अर्जित आय जब्त की गई, जिसमें 24.7 करोड़ रुपये मूल्य के 39.33 किलोग्राम सोने और हीरे के आभूषण और 1.11 करोड़ रुपये नकद शामिल हैं.

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महाराष्ट्र : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की छापेमारी, करोड़ों के जेवरात और नकदी जब्त
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की छापेमारी

शरद पवार के करीबी, पूर्व राज्यसभा सांसद और जलगांव के कारोबारी ईश्वरलाल जैन के यहां ईडी ने छापा मारकर बड़े पैमाने पर नगदी और सोना बरामद करने का दावा किया. ईडी के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग के तहत की जा रही जांच में 17 अगस्त को  जलगांव, नासिक और ठाणे में 13 परिसरों तलाशी अभियान चलाया. जिनमें एस राजमल लखीचंद ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स आर एल गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स मनराज ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड और उनके प्रमोटर ईश्वरलाल शंकरलाल जैन लालवानी, मनीष ईश्वरलाल जैन लालवानी, पुष्पा देवी और नीतिका मनीष जैन से जुड़े ठिकानों पर तलाशी ली गई.

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ईडी के मुताबिक तलाशी में बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज और अपराध से प्राप्त आय भी जब्त की है, जिसमें 24.7 करोड़ रुपये मूल्य के 39.33 किलोग्राम सोने और हीरे के आभूषण और 1.11 करोड़ रुपये की नकद राशि शामिल है. ईश्वरलाल जैन की कंपनियों के खिलाफ सीबीआई ने एसबीआई बैंक से लोन में जालसाजी और धोखाधड़ी के तीन एफआईआर दर्ज किए हैं. जिसमें एसबीआई को 352.49 करोड़ रुपये (उस पर ब्याज सहित) का गलत नुकसान हुआ था. ईडी की जांच से पता चला है कि 3 आरोपी कंपनियों के प्रमोटरों ने एक साथ मिलीभगत की थी और फर्जी लेनदेन में लगे हुए थे.

खास बात है कि आर एल ग्रुप के ईश्वरलाल जैन राज्यसभा के पूर्व सांसद सदस्य रह चुके हैं और एनसीपी पार्टी के पदाधिकारी और शरद पवार के खास हैं. जबकि उनका बेटा मनीष जैन एमएलसी रह चुका है और वर्तमान में अजित पवार गुट के साथ है. मनीष बीजेपी की सांसद रक्षा खडसे के खिलाफ सांसद का चुनाव भी लड़ कर हार चुके हैं.

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ईडी की जांच से पता चला है कि 3 आरोपी कंपनियों के प्रमोटरों ने एक साथ मिलीभगत की थी और फर्जी लेनदेन में लगे हुए थे और 3 आरोपी कंपनियों और उससे संबंधित संस्थाओं की अकाउंट बुक तैयार कीं. जिनमें कई विसंगतियां पाई गई हैं. मुख्य होल्डिंग कंपनी यानी राजमल लखीचंद जलगांव पार्टनरशिप फर्म के साथ खातों की किताबों में फर्जी बिक्री-खरीद लेनदेन दिखाया गया था.  व्यापार में बड़ी मात्रा में स्टॉक पूरी तरह से गायब पाया गया. 1284 किलोग्राम से अधिक आभूषणों के घोषित स्टॉक के मुकाबले, ईडी केवल 40 किलोग्राम आभूषणों का ही पता लगा सका.

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मोबाइल फोन से संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो मनीष जैन द्वारा नियंत्रित रियल एस्टेट कंपनी में लक्जमबर्ग स्थित इकाई से 50 मिलियन यूरो के एफडीआई प्रस्ताव का संकेत देते हैं. तलाशी के दौरान राजमल लखीचंद समूह से संबंधित 60 संपत्तियों का विवरण एकत्र किया गया है, जिनकी कीमत 50 करोड़ रुपये से अधिक है, इसके अलावा जामनेर, जलगांव और आसपास के क्षेत्रों में स्थित राजमल लखीचंद मनीष जैन के स्वामित्व वाली 2 बेनामी संपत्तियां भी हैं.

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इस बीच ईडी के छापों पर ईश्वर लाल जैन ने दावा किया है कि जिस ज्वेलरी के शोरूम पर छापा डाला गया, उसे ज्वेलरी शोरूम के मालिकों का इस एसबीआई कर्ज से कोई लेना देना नहीं है और जो सोना जब्त किया गया है वो शोरूम का है. ये कार्यवाही पूरी तरह से गैरकानूनी है जिसके खिलाफ वह लोग कोर्ट जाएंगे और उन्होंने उम्मीद है कि कोर्ट ने न्याय देगा.

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