महाराष्ट्र में प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक धोखाधड़ी मामले में पूर्व विधायक और करनाला नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष विवेकानंद शंकर पाटिल की 234 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त कर ली है. कुर्क की गई संपत्तियों में करनाला स्पोर्ट्स अकादमी और कई भूखंड शामिल हैं. ईडी ने साल 2019 में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की थी. वर्ष 2019-20 में रिजर्व बैंक के कहने पर ऑडिट किए जाने के बाद धोखाधड़ी का पता चला था.
जांच में पता चला था कि पाटिल 63 फर्जी बैंक खातों के माध्यम से करनाला चैरिटेबल ट्रस्ट और करनाला स्पोर्ट्स अकादमी के खातों में बैंक से नगदी निकाल रहा था, जिसे विवेकानंद पाटिल द्वारा स्थापित और नियंत्रित किया गया था. यह धोखाधड़ी 2008 से चल रही थी. यह पाया गया कि बैंक का प्रबंधन विवेकानंद पाटिल के नियंत्रण में था. ईडी ने उन्हें 15 जून 2021 को गिरफ्तार किया और 12 अगस्त को इस मामले में चार्जशीट पेश कर दी थी.
पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग जांच से पता चला है कि धोखाधड़ी से निकाली गई राशि 67 फर्जी खातों में जमा की गई थी. चोरी को छिपाने के लिए उपलब्ध धनराशि को इन फर्जी खातों में और इन खातों से पाटिल द्वारा स्थापित,नियंत्रित संस्थाओं के कई बैंक खातों में भेज दी गई थी. इन निधियों का उपयोग करनाला चैरिटेबल ट्रस्ट, करनाला स्पोर्ट्स अकादमी आदि द्वारा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, कॉलेज और स्कूलों जैसी संपत्तियों के निर्माण के लिए और अन्य व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया था. आगे की जांच जारी है.