महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मंगलवार को हुई पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक में शिवसेना प्रमुख नामित किया गया. कुछ दिनों पहले ही चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट के साथ विवाद में शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उसे पार्टी का चुनाव चिह्न 'तीर-धनुष' आवंटित किया था. राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक अनुशासन समिति बनाने का प्रस्ताव पेश किया. सामंत ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और उनके प्रति निष्ठावान 16 विधायकों का नाम लिए बिना कहा, "अनुशासन समिति पार्टी के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करेगी और पार्टी के खिलाफ काम करने वाले पार्टी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी."
सावरकर के लिए मरणोपरांत भारत रत्न की मांग
अन्य प्रस्तावों में स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के लिए मरणोपरांत भारत रत्न की मांग शामिल थी. एक अन्य प्रस्ताव में संभाजी महाराज, वीरमाता जीजाबाई और अहिल्याबाई होल्कर को "राष्ट्रीय हस्तियों" की सूची में शामिल करने की मांग की गई. शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से कुछ घंटे पहले, पार्टी की तरफ से मीडिया को कहा गया कि अब उन्हें "शिवसेना" कहा जाए, न कि "शिंदे गुट."
दोपहर साढ़े तीन बजे सुनवाई
बैठक में उन सभी विधायकों, सांसदों और शिवसेना के अन्य नेताओं ने भाग लिया, जो शिंदे के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी से अलग होने के बाद से उनके साथ काम कर रहे हैं. एकनाथ शिंदे के प्रतिद्वंद्वी और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है. अदालत बुधवार को दोपहर साढ़े तीन बजे इस अर्जी पर सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट की लड़ाई के बीच उद्धव ठाकरे "शिव सैनिक" शाखाओं में अधिक गतिविधि पर ध्यान केंद्रित करके पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को ऊंचा रखने के लिए काम कर रहे हैं. शिवसेना के पास राज्य भर में शाखाओं का एक बड़ा नेटवर्क है. उद्धव ठाकरे इन्हें जोड़ने के लिए "शिव शक्ति अभियान" शुरू करेंगे.
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