(फाइल फोटो)
महाकुंभ में आज माघी पूर्णिमा स्नान है और ऐसे में व्यवस्थाओं का खुद सीएम योगी जायजा ले रहे हैं और संगम क्षेत्र पर अपने ऑफिस से नजर रखे हुए हैं. वहीं इसी बीच प्रयागराज को नो व्हीकल जोन बना दिया गया है.
- प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में बुधवार को माघी पूर्णिमा का स्नान है. इस वजह से सरकार और प्रशासन दोनों के लिए ही व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चला पाना और साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखना एक चुनौती बनी हुई है. इसका कारण यह भी है कि मौनी अमावस्या के स्नान पर महाकुंभ में मची भगदड़ ने पूरे देश को दहला दिया था. इसके साथ ही महाकुंभ और आसपास के क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से भयंकर जाम भी लगा हुआ है और श्रद्धालुओं को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से माघ पूर्णिमा के मौके पर महाकुंभ को नो व्हीकल जोन बनाया गया है और अन्य व्यवस्थाओं पर भी खास नजर रखी जा रही है. बता दें कि सुबत 8.30 बजे तक 70 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया.
- माघी पूर्णिमा का पवित्र स्नान बुधवार तड़के से शुरू हो गया है. यहां लाखों की तादाद में श्रद्धालु यातायात, भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा उपायों के बीच एकत्रित हुए हैं.
- बता दें कि माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ ही महीने भर चलने वाला कल्पवास भी खत्म हो जाएगा और करीब 10 लाख कल्पवासी महाकुंभ से विदा होने लगेंगे.
- ऐसे में प्रशासन ने सभी कल्पवासियों से ट्रैफिक रूल फॉलो करने और सिर्फ अधिकृत पार्किंग एरिया का ही इस्तेमाल करने की सलाह दी है.
- माघी पूर्णिमा स्नान के चलते सीएम योगी खुद अपने ऑफिस में बने वॉर रूम से व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं.
- सुबह से ही स्नान शुरू होने के बाद से लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम और अन्य घाटों पर पवित्र डुबकी लगा चुके हैं. लाखों तीर्थयात्री संगम नोज की ओर जा रहे हैं.
- कुंभ एसएसपी राजेश द्विवेदी ने कहा, "श्रद्धालुओं की आवाजाही सुचारू रूप से चल रही है और हम सभी (भीड़) दबाव बिंदुओं का ध्यान रख रहे हैं." अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इस अवसर के लिए विस्तृत व्यवस्था की है ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के पवित्र स्नान कर सकें.
- मंगलवार को सुबह 4 बजे से मेला क्षेत्र को 'नो व्हीकल जोन' घोषित कर दिया गया है, जबकि शाम 5 बजे से पूरा शहर नो-व्हीकल जोन हो गया था, जिसमें आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है. यातायात अव्यवस्था से बचने के लिए सार्वजनिक और निजी वाहनों के लिए निर्धारित पार्किंग स्थल चिह्नित किए गए हैं.
- प्रयागराज के एडीजी भानु भास्कर ने कहा कि उन सभी जगहों पर विशेष पुलिस बल तैनात किए गए हैं, जहां भीड़ प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो जाता है. किसी भी आपात स्थिति में श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र से सुरक्षित निकालने के लिए स्नान अनुष्ठान पूरा होने तक विशेष यातायात योजना लागू रहेगी.
- 13 जनवरी से शुरू हुए इस भव्य धार्मिक आयोजन के बाद से अब तक 45 करोड़ से अधिक लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं. महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर अंतिम अमृत स्नान के साथ होगा.
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