"मदरसा शिक्षा पूरी तरह से धर्म या धार्मिक अध्‍ययन के बारे में नहीं..." : सलमान खुर्शीद

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के 22 मार्च के फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें 'यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004' को असंवैधानिक और धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया गया था. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
खुर्शीद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा बोर्ड के उद्देश्य और मदरसा शिक्षा की पृष्ठभूमि पर विस्तार से विचार किया है. (फाइल)
नई दिल्ली :

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा 'यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004' को रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के 22 मार्च के फैसले पर रोक लगा दी है. इसके बाद वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने शुक्रवार को कहा कि "यह एक दूरगामी स्थिति है" जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने विस्तार से विचार किया है. उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा पूरी तरह से धर्म या धार्मिक अध्ययन के बारे में नहीं है बल्कि इसका अन्य महत्वपूर्ण आधुनिक विषयों से भी बहुत संबंध है. 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के 22 मार्च के फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें 'यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004' को असंवैधानिक और धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया गया था. 

सलमान खुर्शीद ने कहा, "यह एक दूरगामी स्थिति है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा बोर्ड के उद्देश्य और मदरसा शिक्षा की पृष्ठभूमि में बहुत विस्तार से विचार किया है. तथ्य यह है कि मदरसा शिक्षा पूरी तरह से धर्म या धार्मिक अध्ययन के बारे में नहीं है, बल्कि इसका अन्य महत्वपूर्ण आधुनिक विषयों से काफी कुछ लेना-देना है.'' 

Advertisement

उन्‍होंने कहा, ""छात्रों और 10 हजार शिक्षकों को होने वाली अव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि इस मामले की सुनवाई जुलाई में की जानी चाहिए. तब तक हाईकोर्ट के फैसले सहित सभी चीजों पर रोक रहेगी." 

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्‍वागत 

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. 

Advertisement

एआईएमपीएलबी सदस्‍य ने कहा, "हम फैसले का स्वागत करते हैं. यूपी में करीब 17 लाख छात्र मदरसा बोर्ड के तहत शिक्षा हासिल करते हैं. हजारों शिक्षक और अन्य कर्मचारी इसमें शामिल हैं. यह उनके भविष्य पर बड़ा प्रश्नचिह्न था जिसने एक तरह का संकट पैदा कर दिया था. आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर रोक लगाने के बाद लोग खुश हैं."

Advertisement

फैसले का अध्‍ययन करेंगे : दानिश आजाद 

इस बीच, उत्तर प्रदेश के मंत्री दानिश आजाद ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करेंगे और कहा कि मदरसा शिक्षा के लिए हमें जो भी दिशानिर्देश मिले हैं, हम उन पर काम करने की कोशिश जरूर करेंगे.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह निष्कर्ष है कि मदरसा बोर्ड की स्थापना धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है, सही नहीं हो सकता है. 

शीर्ष अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से 17 लाख छात्र प्रभावित होंगे और उसका मानना ​​है कि छात्रों को दूसरे स्कूल में स्थानांतरित करने का निर्देश उचित नहीं है. 

ये भी पढ़ें :

* "पूरा फैसला आने तक..." : UP मदरसा एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सलमान खुर्शीद
* हिमाचल प्रदेश के चंबा में महसूस किए गए 5.3 तीव्रता वाले भूकंप के झटके
* ताइवान के राष्ट्रपति ने भूकंप पीड़ित लोगों के प्रति एकजुटता प्रकट करने पर PM मोदी का जताया आभार

Featured Video Of The Day
Trump Tariff War: US और Indian Experts से जानिए कि आपके पैसे पर बना खतरा कब और कैसे दूर होगा?
Topics mentioned in this article