मध्य प्रदेश सरकार ने सोमवार को खरगोन हिंसा (Khargone violence) से प्रभावित लोगों के कल्याण के लिए राहत राशि के रूप में 1 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. मध्य प्रदेश सरकार के गृह विभाग मंत्रालय ने आदेश देते हुए कहा है कि, "खरगोन नगर में हुए साम्प्रदायिक दंगो मे प्रभावित व्यक्तियों व परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं." इस बीच जिला प्रशासन और पुलिस ने रामनवमी पर हुई इस हिंसा में शामिल बदमाशों के अवैध भवनों को ढहा दिया है. अधिकारियों ने करीब 45 घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाया है. करीब 16 घर और 29 दुकानें ध्वस्त की गई हैं. बता दें कि रामनवमी के दिन यहां सांप्रदायिक झड़प हो गई थी. जिसमें हुए पथराव में कई लोग घायल हो गए थे. जबकि एक की मौत हो गई है.
हाल ही में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा था कि राज्य सरकार न केवल राज्य से दंगाइयों को खत्म करने पर काम कर रही है बल्कि ऐसी मानसिकता को खत्म करने पर भी काम कर रही है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर समाज को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "खरगोन में हुए ये दंगे हमारे देश की संस्कृति के खिलाफ हैं. हमारी संस्कृति समाज को जोड़ने की है लेकिन बीजेपी इसे बांटने की कोशिश कर रही है." कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी खरगोन हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सांप्रदायिक तनाव पार्टी का सबसे बड़ा हथियार है.
घटना को प्रशासन की विफलता बताते हुए, पूर्व सीएम ने कहा , "आज जो हो रहा है वह प्रशासन की विफलता है. सांप्रदायिक तनाव भाजपा सरकार का सबसे बड़ा हथियार है. वे इसका राजनीतिक उपयोग हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए करते हैं."
वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि एक विभाजित राष्ट्र कभी भी दुनिया पर शासन नहीं करेगा, इसलिए घर पर फूट डालो और राज करो की नीति को छोड़ दें. विश्वास को डर की जगह लेनी चाहिए, डरो मत" .
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