अगले साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर पार्टियों ने अभी से ही अपनी तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं. हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी हार झेलने के बाद कांग्रेस का अब सारा फोकस मध्यप्रदेश पर है. पार्टी प्रदेश में जनता के बीच अपने को मजबूती से स्थापित करना चाहती है. इस बीच, इस महीने आने वाली रामनवमी और हनुमान जयंती पर कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में अपने पदाधिकारियों, विधायकों एवं कार्यकर्ताओं को रामलीला, राम कथा सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने के निर्देश दिए हैं, ताकि जनता में अपनी पैठ और मजबूत कर सके. वहीं, प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस के इस कदम को पाखंड बताते हुए कहा कि कांग्रेसी नेताओं ने भगवान राम एवं रामसेतु को काल्पनिक बताया था.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से पार्टी उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर द्वारा दो अप्रैल को समस्त जिला, शहर, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षगण, पार्टी विधायकों, पार्टी के लोकसभा एवं विधानसभा प्रत्याशियों, समस्त जिला प्रभारियों, मोर्चा संगठन एवं विभाग के अध्यक्षों को जारी पत्र में कहा गया है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश के अनुसार वे 10 अप्रैल को रामनवमी और 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करें.
भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि इस पत्र से कांग्रेस के पाखंड का पर्दाफाश हुआ है. उन्होंने आरोप कहा, ‘‘कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करती है. कांग्रेस नेताओं ने भगवान राम और रामसेतु को काल्पनिक करार दिया था. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध भी किया.
भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने चंद्रप्रभाष शेखर द्वारा जारी पत्र पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि पार्टी अपने पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को आगामी रामनवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर ‘रामायण, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा' का पाठ करने का निर्देश देकर गलत परंपरा स्थापित कर रही है. मसूद ने आश्चर्य जताया कि रमजान और अन्य धर्मों के त्योहारों को मनाने के बारे में कांग्रेस ने अपने पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के लिए इस तरह के निर्देश क्यों जारी नहीं किए.
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