दुनिया के सबसे पुराने बंदरगाह को समुद्री विरासत के तौर पर किया जाएगा विकसित

पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को गुजरात के लोथल में एएसआई कार्यस्थल का दौरा किया. शेखावत ने कहा कि भारत की महान समुद्री विरासत को जानने और समझने के लिए गुजरात का लोथल एक उत्कृष्ट स्थान है. यह ज्ञात रूप से दुनिया का सबसे पुराना बंदरगाह था.

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पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुजरात के लोथल में एएसआई कार्यस्थल का दौरा किया.
नई दिल्ली:

दुनिया का सबसे पुराना बंदरगाह गुजरात के लोथल में है. पुरातात्विक खुदाई में पता चला कि लोथल सिंधु घाटी सभ्यता के महत्वपूर्ण शहरों में एक था. लोथल को मिनी हड़प्पा भी कहा जाता है. यहां प्राचीन गोदी हुआ करती थी जो साबरमती नदी से जुड़ी होने के कारण आवागमन का प्रमुख मार्ग थी. गुरुवार को पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यहां का दौरा किया. लोथल को अब राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के तौर पर विकसित किया जा रहा. शेखावत ने पर्यटन की भविष्य की संभावनाओं के मद्देनजर अधिकारियों से चर्चा की. पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को गुजरात के लोथल में एएसआई कार्यस्थल का दौरा किया.

एएसआई ने इसे साल 1954 में खोजा था

शेखावत ने कहा कि भारत की महान समुद्री विरासत को जानने और समझने के लिए गुजरात का लोथल एक उत्कृष्ट स्थान है. यह ज्ञात रूप से दुनिया का सबसे पुराना बंदरगाह था. केंद्रीय मंत्री शेखावत ने दो घंटे से अधिक समय तक लोथल की एएसआई साइट पर व्यतीत किया. शेखावत ने कहा कि सिंधु सभ्यता के अवशेषों के साथ यहां संग्रहालय में उस दौर के जन जीवन से संबंधित अति दुर्लभ वस्तुएं प्रदर्शित हैं. एएसआई ने इसे साल 1954 में खोजा था.

शेखावत ने कहा कि लोथल दुनिया में प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति को लेकर विख्यात है. यह इतिहस में सभ्यताओं और विचारों का संगम स्थल रहा है। यह एक महत्वपूर्ण समुद्री केंद्र है. हजारों साल पहले के पूर्वजों की प्रतिभा की निशानियां हैं.

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शेखावत ने कहा कि यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर विकसित किया जा रहा है. पर्यटन के अनुरूप भी यह अत्यंत रोचक और ज्ञानवर्धक है. शेखावत ने यहां पर्यटन की भविष्य की संभावनाओं के मद्देनजर अधिकारियों से चर्चा की और जरूरी दिशा-निर्देश दिए. शेखावत ने कहा कि एएसआई ने संग्रहण और संरक्षण के सराहनीय कार्य किए हैं.

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