'NDTV इलेक्शन कार्निवल' पहुंचा कर्नाटक, क्या इस बार भी होगी BJP की विजय या कांग्रेस करेगी वापसी?

गुलबर्गा को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का गढ़ माना जाता है. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में वो बीजेपी से हार गए थे, लेकिन इस बार यहां से उन्हीं के परिवार के लोग लड़ रहे हैं. 

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गुलबर्गा (कर्नाटक) :

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के दो चरणों का मतदान हो चुका है. 7 मई को तीसरे फेज को लेकर पार्टियों का प्रचार जोरों पर है. ऐसे में एनडीटीवी का खास कार्यक्रम 'NDTV इलेक्शन कार्निवल' (NDTV Election Carnival) कई राज्यों से होते हुए शुक्रवार को कर्नाटक के गुलबर्गा पहुंचा. चुनाव के मद्देनजर ये 'कार्निवल' जनता का मूड भांपने और माहौल को समझने को लेकर दिल्ली, उत्तराखंड, यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र का 5800 किलोमीटर सफर तय कर चुका है. कर्नाटक में इस बार के चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते और सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना के 'सेक्स स्कैंडल' सामने आने के बाद प्रदेश में चुनाव का वोल्टेज हाई है.

गुलबर्गा को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का गढ़ माना जाता है. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में वो बीजेपी से हार गए थे, लेकिन इस बार यहां से उन्हीं के परिवार के लोग लड़ रहे हैं. 

कार्यक्रम में शामिल टीएम वीराराघव ने कहा कि गुलबर्गा की सीट कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की सीट है. 2019 में बीजेपी में शामिल हुए एक विधायक ने यहां मल्लिकार्जुन खरगे को हराया था. ऐसे में इस बार कांग्रेस यहां से हर हाल में जीतना चाहेगी.

गुलबर्गा में विकास सबसे बड़ा मुद्दा
स्थानीय लोगों ने कहा कि गुलबर्गा में विकास सबसे बड़ा मुद्दा है. 5 साल से सांसद उमेश जाधव ने यहां कोई काम नहीं किया है. इस पर बीजेपी प्रवक्ता सुधा आर हल्काई ने दावा किया कि जो कांग्रेस ने 50 साल में नहीं किया, बीजेपी ने उससे ज्यादा पिछले 5 साल में कर दिया है. जल-जीवन योजना के तहत लाखों घरों में पानी हो, आवास योजना के तहत घर हो, आयुष्मान योजना का इलाज हो या गरीब कल्याण योजना के तहत फ्री में अन्न देना हो, बीजेपी ने कई काम किए हैं.

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के गुलबर्गा से चुनाव नहीं लड़ने के सवाल पर पार्टी के नेता किरण देशमुख ने कहा कि ये यहां की जनता, कार्यकर्ता और विधायकों की मांग थी कि राधाकृष्णा यहां से चुनाव लड़ें. राधाकृष्णा इस इलाके में बेहद लोकप्रिय हैं. मल्लिकार्जुन खरगे की पार्टी अध्यक्ष के नाते देशभर में कई जिम्मेदारियां हैं, जिसकी वजह से वो इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.

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'कार्निवल' में शामिल एमआर मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉ अरुंधति पाटिल ने कहा कि इस इलाके में पौष्टिकता की कमी है. वहीं पर्यावरण की सुरक्षा, पानी की समस्या और महिलाओं की शिक्षा पर भी और अधिक ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है.

गुलबर्गा यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसर डॉ चंद्रकांत यतनूर ने बताया कि भारत युवाओं को देश है, लेकिन उतने बड़े पैमाने पर रोजगार नहीं है, समाज में काफी गरीबी है. इमोशनल मुद्दों को छोड़कर इन मुद्दों पर बात किए जाने और उनके समाधान की जरूरत है.


34 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरेगा 'NDTV इलेक्शन कार्निवल'

'NDTV इलेक्शन कार्निवल' 34 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के 34 प्रमुख शहरों से होते हुए 5000 किलोमीटर की दूरी तय करेगा. एनडीटीवी नेटवर्क ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नागरिकों से जुड़ने और जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ये पहल की है. एनडीटीवी इलेक्शन कार्निवल एक ट्रैवलिंग स्टूडियो है, जो नई दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के 34 शहरों से होकर गुजरेगा.

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