LIC IPO : एलआईसी आईपीओ के लिए केंद्र सरकार ने बाजार नियामक सेबी के समक्ष आवेदन दाखिल किया है. उम्मीद है कि जीवन बीमा निगम की 5 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाए. एलआईसी आईपीओ में कंपनी के पॉलिसीधारकों के लिए 10 फीसदी हिस्सा आरक्षित होगा और उन्हें छूट भी दी जाएगी. हालांकि रिकॉर्ड डेट 13 फरवरी होगी और पैन कार्ड पॉलिसी में 28 फरवरी तक अपडेट होना चाहिए. पॉलिसीहोल्डर के लिए 2 लाख रुपये की अधिकतम सीमा रखी गई है. एलआईसी इंडिया आईपीओ का निर्गम आकार 31,62,49, 885 शेयर हैं, इसमें रिटेल कोटा 35 फीसदी है. गौरतलब है कि सरकार एलआईसी का आईपीओ लाने के लिए लंबे समय से कवायद कर रही है और इसके लिए विशेषज्ञ कंपनियों से सेवाएं भी ली गई हैं.
सूत्रों का कहना है कि एलआईसी बोर्ड ने अपनी बैठक में आईपीओ को मंजूरी दे दी है. सेबी की मंजूरी के साथ एलआईसी कुछ दिनों में आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) ला सकती है. सूत्रों का कहना है कि आईपीओ मार्च में पूंजी बाजार में दस्तक दे सकता है. सेबी के समक्ष दाखिल मसौदे की बात करें तो सरकार करीब 31 करोड़ इक्विटी शेयर बेचेगी.
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने ट्वीट कर कहा कि एलआईसी के आईपीओ के लिए डीआरएचपी सेबी के पास दाखिल कर दी गई है. सरकार का लक्ष्य मार्च तक जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध करना है.आईपीओ का एक हिस्सा एंकर इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व होगा. एलआईसी के आईपीओ इश्यू का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा.
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सूत्रों ने कहा कि तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और डीआरएचपी को सोमवार या मंगलवार को दाखिल किया जा सकता है. चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार के विनिवेश लक्ष्य में 78 हजार करोड़ रुपये की कमी रहने के अनुमान के बीच सरकार के लिए एलआईसी का आईपीओ अहम है. सरकार अब तक एयर इंडिया के निजीकरण और अन्य सरकारी उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बिक्री से करीब 12,000 करोड़ रुपये जुटा चुकी है. एलआईसी की 2020 में घरेलू बाजार में हिस्सेदारी 64.1 फीसदी से अधिक थी. क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक एलआईसी जीवन बीमा प्रीमियम के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है.
रिपोर्ट के मुताबिक 2000 से पहले के दौर में एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी 100 फीसदी थी जो धीरे-धीरे घटकर 2016 में 71.8 प्रतिशत पर आ गई. 2020 में एलआईसी की बाजार में हिस्सेदारी और कम होकर 64.1 फीसदी रह गई. देश में दूसरी सबसे बड़ी जीवन बीमाकर्ता कंपनी एसबीआई लाइफ की 2016 में बाजार में हिस्सेदारी सिर्फ 5 फीसदी और 2020 में 8 फीसदी थी.
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