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"कोई कसर नहीं छोड़ रहे..." - अतीक-अशरफ अहमद हत्याकांड में यूपी सरकार ने SC में दायर किया हलफनामा

यूपी सरकार ने हलफनामे में कहा कि 34 चश्मदीदों से पूछताछ की गई और पता चला कि अतीक अहमद के हत्यारों ने दोनों गैंगस्टर भाइयों की रेकी की थी. मीडिया की आड़ में 9 से दस सेकेंड में हत्याकांड को अंजाम दिया गया, इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. 

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(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

यूपी में गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या का मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. हत्याकांड की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली विशाल तिवारी की याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई है. यूपी सरकार का कहना है कि अतीक और अशरफ कुख्यात अपराधी थे. अतीक के खिलाफ 100 से अधिक आपराधिक मामले थे. 

यूपी सरकार ने बताया कि दो गैंगस्टरों की हत्या के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरविंद कुमार के नेतृत्व में पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है. सरकार ने घटना की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन भी किया है.  

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हलफनामे में कहा गया कि 34 चश्मदीदों से पूछताछ की गई और पता चला कि अतीक अहमद के हत्यारों ने दोनों गैंगस्टर भाइयों की रेकी की थी. मीडिया की आड़ में 9 से दस सेकेंड में हत्याकांड को अंजाम दिया गया, इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. 

सरकार ने बताया कि मौके पर मौजूद अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. आयोग के लिए जांच पूरी करने का समय तीन महीने बढ़ाया गया है.  

हलफनामे में यह भी कहा गया है कि सरकार सुरक्षा चूक की जांच कर रही है. कोई कसर नहीं छोड़ रही है. कोतवाली थाने में शस्त्र क्लर्क के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. राज्य भर में पुलिस सुधार और आधुनिकीकरण के उपाय चल रहे हैं

सरकार ने कहा कि दुर्दांत अपराधियों को आसानी से भागने से रोकने के लिए हथकड़ी लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं. अब सुप्रीम कोर्ट आज मामले की सुनवाई करेगा. इससे पहले 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से अतीक अहमद और अशरफ की हत्या मामले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी.

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सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के पहले हुए अतीक के बेटे असद एनकाउंटर पर हलफनामा मांगा है. यूपी सरकार से यह भी पूछा कि विकास दुबे एनकाउंटर के बाद पुलिस कामकाज को लेकर जस्टिस बी एस चौहान की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई है. 

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए और कहा था कि हमने ये घटना टीवी पर देखी है. दोनों को अस्पताल में सीधे एंबूलेंस से क्यों नहीं ले जाया गया. उनकी परेड क्यों कराई जा रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में तीन हफ्ते में सुनवाई को करने के लिए कहा है. जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुनवाई करेगी.

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उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने कोर्ट में पक्ष रखा. रोहतगी ने कहा हमने जांच के लिए दो-दो पूर्व चीफ जस्टिस का आयोग बनाया है. इस मामले में यूपी सरकार ने तेजी से काम किया है.

जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है. वहीं, वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी से कराने की मांग की है.

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बता दें कि माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की प्रयागराज में 16 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के पास यह घटना हुई थी. दोनों को ही 10 से अधिक गोली मारी गई थीं. 

इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके पहले 14 अप्रैल को यूपी एसटीएफ (UP STF) की टीम ने अतीक अहमद के बेटे असद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. झांसी में असद के साथ शूटर गुलाम भी एनकाउंटर में मारा गया था. जब कोर्ट में पेशी के दौरान अतीक को इसकी खबर मिली तो वह फूट-फूटकर रोने लगा था.

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