लावण्‍या मौत केस :जबरन धर्मांतरण-धोखाधड़ी पर नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

याचिका में तमिलनाडु में नाबालिग लावण्या की मौत की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग भी की गई है .

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याचिका में नाबालिग लावण्या की मौत की वजह की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग भी की गई है
नई दिल्‍ली:

धोखाधड़ी और जबरन धर्मांतरण कराए जाने को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में याचिका दाखिल की गई है, इसमें केंद्र और राज्यों से कड़े कदम उठाने का निर्देश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है. याचिका में तमिलनाडु में नाबालिग लावण्या की मौत (Lavanya Suicide Case) की वजह की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग भी की गई है . यह जांच NIA या CBI जैसी स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने की मांग की गई है, हालांकि मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को ही मामले की CBI जांच के आदेश दिए हैं. 

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इसके अलावा याचिका में कानून आयोग से 3 महीने के भीतर धोखाधड़ी से धर्मांतरण कराए जाने के मामले पर विधेयक और धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिए एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश देने की मांग की गई है. बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में धर्मांतरण को लेकर एक याचिका दाखिल की है.याचिका के मुताबिक लोगों का जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है. धर्मांतरण के लिए लोगों को जबरन प्रेरित कर मजबूर किया जा रहा है वह अपना धर्मांतरण करे 

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याचिका में कहा गया है कि धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन और धर्मांतरण करने के लिए डराना-धमकाना, किसी भी प्रकार का लालच देना संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 25 का उल्लंघन है.गौरतलब है लावण्या ने  19 जनवरी को तमिलनाडु के तंजावुर में कथित तौर पर जहर खा लिया था. उसने मृत्‍यु पूर्व बयान में बताया था कि मिशनरी स्कूल द्वारा उसे प्रताड़ित किया गया और ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव डाला गया.

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