सुप्रीम कोर्ट की महिला जज इंदु मल्होत्रा का आज आखिरी वर्किंग डे, CJI ने याद दिलाया पुराना वाकया

जस्टिस मल्होत्रा ने सभी बार सदस्यों का शुक्रिया अदा किया. हालांकि, बेंच पर भावुक हो जाने की वजह से वो अपना भाषण पूरा नहीं कर सकीं. सीजेआई ने कहा कि वह भावना को समझ सकते हैं. दूसरे मौके पर इसे पूरा कीजिएगा. 

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जस्टिस इंदु मल्होत्रा 27 अप्रैल, 2018 को सीधे SC की जज के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला वकील हैं.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दो महिला जजों में से एक जस्टिस इंदु मल्होत्रा (Justice Indu Malhotra) का आज आखिरी कार्य दिवस है. वह कल यानी 13 मार्च को रिटायर हो जाएंगी. परंपरा के मुताबिक जस्टिस मल्होत्रा आज आखिरी बार CJI एस ए बोबडे़ की बेंच में बैठीं. सुप्रीम कोर्ट में उनका कार्यकाल एक जज के रूप में 3 साल से भी कम समय का रहा. उनके रिटायर होने के बाद जस्टिस इंदिरा बनर्जी SC में एकमात्र महिला जज रह जाएंगी. जस्टिस मल्होत्रा 27 अप्रैल, 2018 को सीधे SC की जज के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला वकील हैं. 

इस मौके पर साथी जज उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने सुनवाई के दौरान जस्टिस इंदु मल्होत्रा के बारे में चर्चा हुई.  CJI एसए बोबडे ने कहा कि मुझे याद है कि एक वकील के तौर पर वो मेरी बेंच के सामने बहस कर रही थीं. वो बहस करती ही जा रही थीं तो मैंने साथी जज से पूछा कि वो रुक क्यों नहीं रही हैं? मेरे साथी जज ने बताया कि वो इतनी अच्छी तैयारी से आई हैं.

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इस मौके पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, "वह सर्वश्रेष्ठ न्यायाधीशों में से एक हैं. यह दुखद है कि न्यायाधीश को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होना पड़ता है. हमें खेद है कि बार के सदस्यों के रूप में न्यायमूर्ति मल्होत्रा को सेवानिवृत्त होना पड़ेगा. सबरीमला मामले में उन्होंने संवैधानिक नैतिकता पर अहम फैसला दिया." 

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सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा, 65 एक ऐसी उम्र है, जहां एक न्यायाधीश चरम पर होता है. हालांकि रिटायर होने का कोई कारण नहीं होता." CJI एस ए बोबडे ने कहा कि मुझे नहीं पता कि क्या जस्टिस मल्होत्रा से बेहतर जज कोई है? उन्होंने कहा कि उनके न्यायिक कौशल पर कुछ नहीं कहना है.  सीजेआई ने कहा कि वह बार से नहीं जा रही हैं और  हमारे साथ रहने वाली हैं.

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जस्टिस मल्होत्रा ने सभी बार सदस्यों का शुक्रिया अदा किया. हालांकि, बेंच पर भावुक हो जाने की वजह से वो अपना भाषण पूरा नहीं कर सकीं. सीजेआई ने कहा कि वह भावना को समझ सकते हैं. दूसरे मौके पर इसे पूरा कीजिएगा. 

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