पीएम मोदी के नाम खुले खत में लालू यादव ने कहा- जहरीली राजनीति करने वाले चेत जाएं

पीएम मोदी के नाम खुले खत में लालू यादव ने कहा- जहरीली राजनीति करने वाले चेत जाएं

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की फाइल फोटो

खास बातें

  • बिहार के पूर्व सीएम ने अपने फेसबुक वॉल पर भी यह पत्र पोस्ट किया है
  • इससे उन्होंने उना में दलितों की निर्मम पिटाई की ओर पीएम का ध्यान दिलाया
  • पीएम से हर मंत्री के लिए गाय पालने और उसकी देखभाल का नियम बनाने को कहा
पटना:

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम शनिवार को एक खुला पत्र लिखा। इस खुले पत्र में लालू ने तथाकथित गौ-रक्षक दलों के पनपने के लिए प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार बताते हुए कहा है कि 'विषैली राजनीति करने वाले चेतें या कुनबा समेटें।' पूर्व रेलमंत्री ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री का ध्यान गुजरात के उना में दलित युवकों के कपड़े उतारकर बेरहमी से की गई पिटाई की घटना की ओर दिलाया है।

लालू प्रसाद ने खुले पत्र में लिखा, 'गौ-सेवा और गौ-रक्षा के नाम पर कुकुरमुत्तों की तरह जगह-जगह हिंसक तथाकथित गौ-रक्षक दल इत्यादि पनप रहे हैं, इस आग के पीछे सबसे बड़ा हाथ आरएसएस और आपका ही है।'उन्होंने आगे लिखा, "इस आग में भस्म होकर जो गौपालक, किसान बंधु, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक मर रहे हैं, उसके दोषी सिर्फ आप, आपकी पार्टी और आपकी असहिष्णु  विचारधारा की जननी संघ है।'

अपने पत्र को लालू ने अपने फेसबुक वॉल पर भी पोस्ट किया है। पत्र में उन्होंने आगे लिखा है कि अगर सचमुच आप गौ-प्रेमी हैं तो आप अपने प्रत्येक मंत्री के लिए नियम बनाइए कि सभी मंत्री अपने बंगले में गाय पालेगा, खुद अपने हाथों से उनकी देखभाल करेगा और मृत्यु होने पर उनका विधिवत अंतिम संस्कार भी करेगा।

लालू ने हालांकि यह भी लिखा है कि उना की घटना अपने आप में कोई अनोखी या एकमात्र घटना नहीं है, आए दिन यह पागलपन देश के किसी न किसी कोने में अपना नंगा नाच दिखाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री को नसीहत देते हुए आगे लिखा, 'ब्राह्मणवादी और मनुवादी मानसिकता को पिछले दरवाजे से हम दलित, पिछड़े और आदिवासियों पर पुन: लादने का प्रयास बंद कीजिए, वरना इसका परिणाम देश के लिए विध्वंसक होगा।'

लालू ने आरएसएस प्रमुख को चेतावनी देते हुए आगे लिखा, 'देश का बहुसंख्यक वर्ग देश में हजारों साल तक चलने वाले काले सामाजिक ढांचे की पुनरावृत्ति किसी कीमत पर होने नहीं देगा। संघ प्रमुख मोहन भागवत जैसे विषैली राजनीति करने वालों के लिए मेरी एक ही चेतावनी है- चेतें अथवा अपना कुनबा समेटें।'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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