महिलाओं के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे भारत राष्ट्र समिति (BRS) के नेता केटी रामा राव (KTR) शनिवार को एक समन पर तेलंगाना महिला आयोग (elangana Women's Commission) के सामने पेश हुए. उनके इस दौरे के दौरान आयोग की कुछ सदस्यों ने केटीआर को राखी बांधी. इससे अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है.
राज्य महिला आयोग ने केटीआर को राखी बांधने के लिए अपनी सदस्यों को नोटिस जारी किया है. महिला आयोग की अध्यक्ष शारदा नेरेला ने एक पोस्ट में कहा कि बीआरएस नेता को राखी बांधकर छह सदस्यों ने "अनुचित कार्य" किया है. उन्होंने कहा कि, "ऐसा कोई भी आचरण करना जिससे आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठें, पूरी तरह से अस्वीकार्य है."
शारदा नेरेला ने आयोग के सचिव को निर्देश दिया कि वे तत्काल संबंधित सदस्यों को नोटिस जारी करें और उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करें. उन्होंने कहा, "ऐसा व्यवहार न केवल आयोग के सदस्यों के लिए अनुचित है, बल्कि इससे उस गरिमा और निष्पक्षता से भी समझौता होता है जिसे बनाए रखना हमारा कर्तव्य है."
केटीआर ने राज्य द्वारा संचालित आरटीसी बसों में यात्रा करने वाली महिलाओं के बारे में अपनी टिप्पणियों के लिए खेद व्यक्त किया और फिर से माफी मांगी. अपने बयान के लिए स्पष्टीकरण देते हुए केटीआर ने स्वीकार किया कि इस तरह के बयान अनुचित थे और उनके जैसे नेतृत्व वाले पद पर बैठे किसी व्यक्ति को ऐसा नहीं करना चाहिए था. आयोग ने उनकी माफी स्वीकार कर ली और उन्हें भविष्य में ऐसी कोई भी टिप्पणी करने से बचने का निर्देश दिया.
केटीआर ने कहा, "मैं अध्यक्ष शारदा नेरेला के निर्देशानुसार तेलंगाना राज्य महिला आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुआ. मैंने आयोग के समक्ष महिलाओं के प्रति बिना किसी इरादे के की गई अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त किया."
उन्होंने आयोग को राज्य में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद पिछले आठ महीनों में महिलाओं पर हुए हमलों के बारे में जानकारी भी दी.
केटीआर की वह टिप्पणी, जिस पर विवाद हुआ
केटीआर ने 15 अगस्त को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महिलाओं द्वारा राज्य की मुफ्त बस यात्रा योजना का लाभ उठाने के लिए कहा था. यह सेवा इस साल राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने के तुरंत बाद शुरू की गई थी. उन्होंने कहा था कि इन बसों में यात्रा करने वाली महिलाएं अगर चाहें तो "ब्रेक डांस" कर सकती हैं. उन्होंने कहा था कि अगर बस में यात्रा करते समय महिलाएं बुनाई जैसी गतिविधियां करती हैं तो बीआरएस को कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते बसें सुरक्षित हों.
केटीआर की टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हुई और इससे तेलंगाना में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया. महिला अधिकार कार्यकर्ताओं, राजनीतिक विरोधियों और आम जनता ने इस टिप्पणी की निंदा करने के लिए विभिन्न मंचों का सहारा लिया.
यह भी पढ़ें -
तेलंगाना के मुख्यमंत्री को मानहानि मामले में निजी तौर पर पेश होने का समन