उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari)और उनके भाई बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के लिए 15 अप्रैल का दिन खास साबित होने वाला है. शनिवार को 17 साल पुराने बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड (Krishnanand Rai Murder Case) मामले में कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. अगर कोर्ट का फैसला पक्ष में रहा तो ठीक, नहीं तो बीएसपी सांसद की सांसदी खतरे में पड़ जाएगी. कोर्ट से किसी भी मामले में दो साल से अधिक की सजा मिलने पर मुजरिम की संसदी/विधायकी रद्द किए जाने का कानून है.
दरअसल, 2005 में तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों की गोली मारकर हत्याकर दी गई थी. गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी पर इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था. इस मामले में पुलिस ने 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी, मुख्तार अंसारी और उनके बहनोई एजाजुल हक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. गाजीपुर एमपीएमएलए कोर्ट में इस केस पर 1 अप्रैल को बहस पूरी हुई थी. कोर्ट ने 15 अप्रैल का दिन फैसले के लिए मुकर्रर किया है. कोर्ट के फैसले पर ही दोनों भाइयों का राजनीतिक भविष्य भी तय होगा.
10 साल की सजा का है प्रावधान
गैंगस्टर मामले में अधिकतम 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है. ऐसी चर्चा है कि अगर कोर्ट अफजाल अंसारी को 2 साल से अधिक की सजा सुनाई, तो अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता चली जाएगी. वहीं, अफजाल सजा पूरी होने के बाद भी 6 साल तक चुनाव लड़ने के योग्य भी नही रह जाएंगे. अफजाल अंसारी अपने मामले को हाइकोर्ट भी गये थे, पर उनको वहां से राहत नहीं मिली. मुख्तार अंसारी के मामले में 10 गवाहों की, जबकि अफजाल अंसारी के मामले में 7 गवाहों की गवाही इस मामले में ट्रायल के दौरान हुई थी.
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