अगर चाहो तो फांसी पर लटका दो...; कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस का आरोपी

कोलकाता महिला डॉक्टर रेप-मर्डर केस में अपराध स्थल पर पुलिस को एक ब्लूटूथ हेडफोन मिला था. इस हेडफोन की वजह से पुलिस आरोपी तक पहुंचने में कामयाब रही. दरअसल ब्लूटूथ हेडफोन आरोपी का था. यह इस मामले में उसके खिलाफ मुख्य सबूत बन गया.

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कोलकाता पुलिस की कैप लगाकर घूमता था आरोपी
कोलकाता:

कोलकाता के एक अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में इंसाफ की मांग को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. अब मालूम हुआ है कि रेप-मर्डर केस का आरोपी संजय रॉय अस्पताल का कर्मचारी नहीं था, लेकिन इसके बावजूद उसे अक्सर अस्पताल की इमारतों में देखा जाता था. आरोपी संजय रॉय कोलकाता पुलिस के साथ वॉलिंटियर का भी काम करता था. ये वॉलिंटियर संविदा कर्मचारी होते हैं जिन्हें यातायात प्रबंधन और आपदा प्रतिक्रिया सहित अलग कामों में पुलिस की सहायता के लिए भर्ती किया जाता है.

अस्पताल के रैकेट से जुड़ा था आरोपी

लगभग ₹ 12,000 प्रति माह का भुगतान किए जाने वाले इन वॉलिंटियर को नियमित पुलिस कर्मियों जैसी सुविधाएं नहीं मिलती है. रिपोर्टों के अनुसार, रॉय 2019 में बतौर वॉलिंटियर के रूप में कोलकाता पुलिस के आपदा प्रबंधन समूह में शामिल हुआ. लेकिन बाद में पुलिस कल्याण प्रकोष्ठ में चला गया. फिर वो आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पुलिस चौकी में चले गया और सभी विभागों तक उसकी पहुंच थी. रिपोर्टों के अनुसार, रॉय अस्पताल में एक रैकेट से जुड़ा था, जो मरीजों के रिश्तेदारों से एडमिट कराने के लिए पैसे लेता था. वह मरीजों के रिश्तेदारों से सरकारी अस्पताल में बिस्तर न मिलने पर पास के नर्सिंग होम में बिस्तर खोजने के लिए भी पैसे लेता था.

कोलकाता महिला डॉक्टर रेप-मर्डर केस का आरोपी संजय रॉय अस्पताल में एक रैकेट से जुड़ा था, जो मरीजों के रिश्तेदारों से एडमिट कराने के लिए पैसे लेता था.

कोलकाता पुलिस की कैप लगाकर घूमता था आरोपी

नियमित पुलिसकर्मी न होने के बावजूद, रॉय अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर कई बार पुलिस बैरक में रुकता था. आरोपी केपी (कोलकाता पुलिस) लिखी टी-शर्ट पहनकर घूमता था. उसकी बाइक पर भी केपी टैग लगा था. उसने खुद को कोलकाता पुलिस का कर्मचारी बताया और रिपोर्ट के अनुसार कई अन्य लोगों को लगा कि वह वास्तव में पुलिसकर्मी है. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस द्वारा पूछताछ शुरू करने के तुरंत बाद रॉय ने अपराध स्वीकार कर लिया. रिपोर्ट के अनुसार, उसने कोई पछतावा नहीं दिखाया और बेपरवाही से कहा, "अगर तुम चाहो तो मुझे फांसी पर लटका दो" पता चला है कि उसका मोबाइल फोन अश्लील कंटेट से भरा था.

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ब्लूटूथ हेडसेट की मदद से हुई आरोपी की पहचान

रॉय को अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे इमरजेंसी बिल्डिंग में घुसते हुए देखा गया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. महिला डॉक्टर का शव कुछ घंटों बाद उसी बिल्डिंग में मिला. एक और बड़ा सुराग पीड़ित के शव के बगल में मिला ब्लूटूथ हेडसेट था. सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है कि बिल्डिंग में घुसते समय रॉय के गले में हेडसेट था. जब वह बाहर निकला तो हेडसेट गायब था. पीड़िता के शव के पास रखा हेडसेट भी उसके फोन से जुड़ा हुआ था.

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सूत्रों के अनुसार, रॉय जघन्य अपराध करने के बाद घर गया और सबूत मिटाने के लिए अपने कपड़े धोए. हालांकि, पुलिस को उसके जूतों पर खून के धब्बे मिले हैं. आरोपी को 23 अगस्त तक पुलिस हिरासत में रखा गया है. डॉक्टर के रेप-मर्डर से पूरे देश में रोष दिखाई दे रहा है. बीते दिन इंसाफ की मांग को लेकर देशभर में डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए. जिसकी वजह से कई अस्पतालों में कामकाज ठप पड़ गए और मरीजों को इलाज कराने में काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी. आंदोलन के बीच मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इस्तीफा दे दिया है. 

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