केरल: कोचीन यूनिवर्सिटी में कॉन्सर्ट से पहले मची भगदड़ के लिए ये चीजें जिम्मेदार

नगर पार्षद प्रमोद ने कहा है कि ऑडिटोरियम (Kochi University Concert Accident) में प्रवेश और निकास के लिए एक ही गेट का इस्तेमाल किया जाना भी घटना का कारण है. मृत छात्रों की पहचान अथुल थम्बी, एन रुफ्था, सारा थॉमस और एल्विन थाईकट्टूशेरी के रूप में की गई है.

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कोच्चि यूनिवर्सिटी हादसा

नई दिल्ली:

केरल के कोच्चि की एक यूनिवर्सिटी कैंपस में शनिवार रात को हुई भगदड़ में चार छात्रों की मौत (Kochi University Students Death) हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए. लेकिन सवाल यह है कि आखिर भगदड़ मची क्यों? पुलिस ने इस सवाल के जवाब में बताया कि अचानक हुई बारिश की वजह से कॉन्सर्ट के दौरान कैंपस में भगदड़ मच गई. यह हादसा  कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीयूएसएटी) के एक सिंगर निकिता गांधी के ओपन-एयर ऑडिटोरियम में परफॉर्मेंस देने से पहले हुई. 

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ऑडिटोरियम में एंट्री और एग्जिट के लिए सिर्फ एक गेट

सिविल अथॉरिटीज और पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, खुले ऑडिटोरियम में एंट्री और बाहर निकलने के लिए एक ही गेट का इस्तेमाल किया जा रहा था. सिर्फ पास रखने वालों को ही अंदर जाने की परमिशन थी. लेकिन गेट के बाहर अंदर जाने के लिए उत्साहित लोगों की लंबी कतार थी. एक प्रत्यक्षदर्शी ने मीडिया को बताया कि कॉन्सर्ट में एंट्री सिर्फ पास धारकों के लिए ही सीमित थी.लेकिन कई स्थानीय लोग ऑडिटोरियम के बाहर जुटे हुए थे. 

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सीनियर पुलिस अधिकारी एमआर अजित कुमार ने कहा कि भगदड़ के समय ऑडिटोरियम की क्षमता करीब 1,000 थी और कई सीटें खाली थीं.  घटना के समय कॉन्सर्ट शुरू नहीं हुआ था इसीलिए ऑडिटोरियम भी पूरी तरह से भरा नहीं था. आयोजक पास चेक करके अंदर जाने की परमिशन दे रहे थे. अचानक बारिश शुरू हो गई, लोग कतारें तोड़कर अंदर जाने के लिए धक्का-मुक्की करने लगे.

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ऑडिटोरियम में जगह होने के बाद भी हुई दुर्घटना-अधिकारी

अधिकारी ने बताया कि वहां पर सीढ़ियां होने की वजह से कुछ लोग गिर गए और अन्य लोग  उन पर चढ़ गए. इस घटना में चार छात्रों की मौत हो गई. यह एक अजीब दुर्घटना थी. अधिकारी ने कहा कि यह दुर्घटना नहीं होनी चाहिए थी क्यों कि ऑडिटोरियम में लोगों के लिए पर्याप्त क्षमता थी. उन्होंने कहा कि यह घटना बारिश होने पर अचानक हुई भीड़ और धक्का-मुक्की का नतीजा थी.

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हादसे के लिए कौन सी चीजें जिम्मेदार?

सूत्रों के मुताबिक, इस घटना के लिए आयोजकों की वह घोषणा भी जिम्मेदार है, जिसमें कहा गया था कि इंजीनियरिंग के छात्रों को पहले एंट्री दी जाएगी. एक सूत्र के मुताबिक अन्य स्ट्रीम के छात्र भी अपनी बारी के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. जब बारिश शुरू हुई, तो उन्हें कतार तोड़कर भीतर जाने का मौका मिला और वह दौड़ पड़े. एनडीटीवी की टीम जब घटना वाली जगह पर पहुंची तो पता चला कि ओपन-एयर ऑडिटोरियम के पास सीढ़ियां बहुत खड़ी थीं और इसकी वजह से कुछ छात्र दौड़ते समय संतुलन खो बैठे होंगे.

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नगर पार्षद प्रमोद ने कहा है कि प्रवेश और निकास के लिए एक ही गेट का इस्तेमाल किया जाना भी घटना का कारण है. मृत छात्रों की पहचान अथुल थम्बी, एन रुफ्था, सारा थॉमस और एल्विन थाईकट्टूशेरी के रूप में की गई है. घायलों में दो की हालत गंभीर है. 30 से अधिक लोग अस्पतालों में भर्ती हैं, जो अब पहले से ठीक हैं. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने घटना के बाद रात को ही मंत्रियों की एक आपात बैठक बुलाई और मौतों पर शोक व्यक्त किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज घायलों के इलाज को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगी. सिंगर निकिता गांधी ने भी इस घटना पर दुख जताया है.

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