केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार शाम केरल भवन "काल प्रेरणा "पुस्तक का विमोचन किया. किताब के विमोचन पर आरिफ खान ने अल्लामा इक़बाल की मशहूर पंक्तियों का जिक्र किया. ये पंक्तियां थी कि कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़मां हमारा. राज्यपाल आरिफ खान ने अल्लामा इकबाल के इस तराने का जिक्र करते कहा कि हमारी संस्कृति ही हमें एक दूसरे से बांधे हैं...यही वजह है कि हजार सालों से भारत की सांस्कृतिक विरासत को मिटाने की कोशिश की गई. लेकिन उसे कोई खत्म नहीं कर पाया.
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने वेदों में लिखे कई श्लोकों का उदाहरण देते कहा कि भारत के लोग पत्थर में भी भगवान के स्वरुप को खोजते हैं. यही वजह है कि हमारी अलग अलग पूजा पद्धति होने के बावजूद हम आज भी एक है. यही भारतीय संस्कृति की खासियत है. केरल के राज्यपाल ने दिनेश चंद्र सिंह की लिखित किताब काल प्रेरणा का जिक्र करते कहा कि दिनेश चंद्र सिंह की किताब उन्हें इसलिए अच्छी लगी कि वो अपने हर प्रशासनिक अनुभवों का जिक्र भारतीय संस्कृति के किसी न किसी पहलू के आधार पर करते हैं.
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पुस्तक विमोचन पर केरल के राज्यापाल बोले कि भारतीय परंपरा की निरंतरता को अपने अनुभव के माध्यम से संकलित करने का महत्वपूर्ण काम दिनेश चंद्र ने किया है जो लोगों को प्रेरणा देगा. इस मौके पर गाज़ियाबाद की मेयर आशा शर्मा, बहराइच के सांसद अक्षयवर लाल गोंड, पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य साकेत मिश्रा भी मौजूद थे. किताब काल प्रेरणा के लेखक दिनेश चंद्र सिंह मूल रूप से बिजनौर से रहने वाले हैं. जो कि इस वक्त बहराइच के जिला अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं.
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